हर संस्थान के लिए रैंकिंग जरूरी

By: Apr 11th, 2018 12:01 am

एनआईआरएफ के लिए करना होगा आवेदन, कालेज सबसे पीछे

शिमला  – केंद्रीय मावन संसाधन मंत्रालय की ओर से देश भर के शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग तय करने के लिए शुरू की गई नेशनल इंस्टीच्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क की अब सभी शिक्षण संस्थानों को भागीदारी देनी होगी। वर्ष 2019 के लिए की जाने वाली रैंकिंग में देश भर के सभी शिक्षण संस्थानोें को आवेदन करना अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से यह पहल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए की गई है और इसके तहत सभी शिक्षण संस्थान अपनी रैंकिंग करवाएं, इसके लिए एमएचआरडी सभी संस्थानों को इसके तहत लाना चाह रहा है। वर्ष 2016 में एमएचआरडी की ओर से इस रैंकिंग की शुरुआत की गई थी। इसमें साल दर साल आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ती जा रही है। संख्या भले ही बढ़ रही है, लेकिन इसमें अभी भी ज्यादातर संस्थान हिस्सा नहीं ले रहे। इस रैंकिंग के लिए देश भर से  इस वर्ष 3954 इंस्टीच्यूट्स ने हिस्सा लिया। यह आंकड़ा पिछली बार से 745 ज्यादा है, लेकिन अब नए वर्ष के लिए सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों को इसमें भाग लेने के निर्देश एमएचआरडी की ओर से दिए गए हैं। इस वर्ष भी प्रदेश से इस योजना के तहत किसी भी कालेज ने आवेदन नहीं किया था। जिन संस्थानों ने आवेदन भी किया था, वे भी रैंकिंग में टॉप-100 संस्थानों में जगह नहीं बना पाए हैं। परिणाम चाहे जो भी हों, लेकिन अब शिक्षण संस्थानों को गुणवत्ता का आकलन नेशनल स्तर पर करना ही होगा। इसके लिए संस्थानों को तय फॉरमेट पर आधारित रिपोर्ट तैयार कर भेजनी होगी। रैंकिंग के लिए पांच पैरामीटर का आकलन करेगा, जिसमें टीचिंग एंड लर्निंग रिसोर्सेज, रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस, ग्रेजुएशन आउटकम, आउटरीच इनक्लूसिविटी और परसेप्शन के अंक  शिक्षण संस्थानों को मिलेंगे।

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