हर स्कूली बस की होगी पड़ताल

By: Apr 17th, 2018 12:05 am

हमीरपुर —जिला प्रशासन द्वारा 22 अप्रैल तक स्कूली बसों के निरीक्षण के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त रतन गौतम ने सोमवार को उपमंडलाधिकारियों की एक आवश्यक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि वाहनों को लेकर सुरक्षा मापदंड बनाए गए हैं। प्रत्येक स्कूल वाहन का रंग पीला होना चाहिए और वाहन के दोनों तरफ स्कूल का नाम अंकित हो। वाहनों के आगे व पीछे स्कूल बस लिखा हो।  चालक का नाम , पता लाइसेंस नंबर और बैच नंबर भी वाहन में लिखा हो। स्कूल वाहन की खिड़कियों में ग्रिल लगाना अनिवार्य है और ग्रिल तारों से गुत्थी होनी चाहिए। प्रत्येक वाहन में आपातकालीन दरवाजे सुनिश्चित किए जानो जरूरी हैं। सभी स्कूल वाहनों में स्पीड गवर्नर लगे होने चाहिए और वाहन की अधिकतम स्पीड 40 से अधिक न हो। वाहनों में आईएसआई मार्क के अग्निशमन उपकरण होने चाहिएं। वाहनों की सीटें गैर-दहनशील उत्पाद से बनी होनी चाहिए। प्रत्येक स्कूल बस में जीपीएस व सीसीटीवी की व्यवस्था होना जरूरी है। प्रत्येक स्कूल में ट्रांसपोर्ट मैनेजर की तैनाती करना जरूरी है।  ये प्रबंधक समय-समय पर स्कूल वाहनों का सुरक्षा संबंधी विवरण इकट्ठा करें। स्कूल वाहन चालक के पास बस ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है। कम से कम पांच साल के अनुभव वाले चालक की तैनाती अनिवार्य है।  इसके साथ ही लाइसेंस सुदा  परिचालक ही बस में तैनात किया जाना चाहिए। स्कूल वाहन चालक का प्रत्येक वर्ष मेडिकल टेस्ट और आंखों का टेस्ट सर्टिफिकेट अनिवार्य  है। स्कूल बसों में अलार्म की व्यवस्था बेहद जरूरी है। प्रत्येक बस में लेडी गार्ड की तैनाती की जानी भी अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि कोई भी स्कूल बिना परमिट के किसी भी वाहन को बच्चों के यातायात की इजाजत नहीं दे सकता। स्टेट ट्रांसपोर्ट विभाग से वाहन का परमिट करवाना अनिवार्य है। सभी स्कूल वाहनों और उसमें सवार बच्चों का इंश्योरेंस करवाना जरूरी है। अगर किसी चालक का साल में दो बार सड़क नियमों के उल्लंघन का मामला सामने आता है या फिर पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज होता है तो उसे तत्काल सेवाओं से हटाना जरूरी है। वाहन में 12 साल से ऊपर के बच्चों को एक आदमी के तौर पर ट्रीट किया जाएगा। वाहन में बच्चों को जबरन ठूंसा नहीं जाएगा। किराए पर चलाए जा रहे स्कूल वाहनों के मामले में स्कूल प्रबंधन को ट्रांसपोर्टर के बीच एग्रीमेंट होना चाहिए और वाहन में एग्रीमेंट की कापी भी साथ होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक भी पूरी तरह जिम्मेदार है। परिजनों की सतर्कता जरूरी है। अभिभावक बच्चों को ले जा रहे वाहनों की कमियों पर पर पूरी नजर रखें तथा सूची तत्काल स्कूल प्रबंधक को दें।


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