अवैध कब्जों की रिपोर्ट में खोट
एजेंसियां बता रही 19 हजार 334 मामले, जनता की नजर में डेढ़ लाख से ज्यादा केस
शिमला— हिमाचल प्रदेश में अवैध कब्जों को लेकर आम जनता और सरकारी एजेंसियों के आंकड़ों में विरोधाभास है। राज्य सरकार ने 19 हजार 334 अवैध कब्जों की ताजा रिपोर्ट जारी की है। इसके विपरीत 16 साल पहले प्रदेश सरकार के आह्वान पर आम जनता ने खुद एक लाख 67 हजार 223 अवैध कब्जों का दावा पेश किया था। तत्कालीन सरकार ने अवैध कब्जों को नियमित करने के लिए लोगों से आवेदन मांगे थे। इस दौरान खुलासा हुआ था कि हिमाचल की 24 हजार 980 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जे हुए हैं। वर्ष 2002 से लेकर अब तक भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सरकारें अवैध कब्जों को नियमित करने का ढिंढोरा पिटती रहीं। इसी बीच हाई कोर्ट के संज्ञान पर फोरेस्ट तथा राजस्व विभाग ने अवैध कब्जों की ताजा सूची जारी की है। इसके अनुसार प्रदेश की 419 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जे हुए हैं। इनमें 12 हजार 499 अवैध कब्जों की सुनवाई डीएफओ कोर्ट में पहुंची है। जेएमआईसी अदालत में पहुंचे 2516 अवैध कब्जों में से 471 पर फैसला आ चुका है। राजस्व विभाग की जमीन पर 4319 अवैध कब्जे दर्ज हो चुके हैं। इनमें एचपी लैंड रेवेन्यू एक्ट 1954 की धारा-163 के तहत कार्रवाई चल रही है। बताते चलें कि अवैध कब्जों को लेकर सबसे पहले धूमल सरकार में मामला गरमाया था। वर्ष 2002 में तत्कालीन राजस्व मंत्री राजन सुशांत ने अवैध कब्जों को नियमित करने की पालिसी का ऐलान किया था। इस दौरान लोगों से खुद अवैध कब्जों की सूची सार्वजनिक कर इन्हें नियमित करने के लिए आवेदन करने को कहा था। इस दौरान एक लाख 67 हजार 223 लोगों ने सरकारी भूमि पर कब्जा होने का दावा किया था। इसमें करीब 25 हजार हेक्टेयर भूमि अवैध कब्जा की जद में होने का खुलासा किया गया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसमें 80 फीसदी से ज्यादा भूखंड वन विभाग का था। धूमल सरकार के दौरान शुरू हुई यह कवायद कानूनी पेंच के चलते अधर में लटक गई। इसके बाद वर्ष 2003 में सत्ता में आने पर कांग्रेस सरकार ने यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया।
2008 में तत्कालीन सरकार की मुहिम ठुस
वर्ष 2008 में भाजपा सरकार के समय अवैध कब्जों को नियमित करने के लिए प्रयास तेज हुए थे। इस दौरान 20 बीघा से कम काबिज भूमि को नियमित करने के लिए पालिसी बनाई गई। कानूनी अड़चनों के चलते इस पालिसी को भी अमलीजामा पहनाना मुश्किल हुआ।
पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार की कवायद हवा-हवाई
पूर्व की वीरभद्र सरकार ने चुनावी घोषणा से ठीक पहले एक बार फिर अवैध कब्जों को नियमित करने का ऐलान किया था। इस बार 10 बीघा से कम काबिज अवैध कब्जे वाले मामलों को नियमित करने की कवायद शुरू हुई। सरकार की यह घोषणा हवा-हवाई साबित हुई।
अब सरकार सख्त
मौजूदा जयराम सरकार ने अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। इस अभियान में वन तथा राजस्व विभाग दोनों को प्राथमिकता के आधार पर कब्जे छुड़ाने को कहा गया है।
सरकार के मुताबिक हिमाचल में इतने अवैध कब्जे
जिला राजस्व जेएमआईसी वन
बिलासपुर 76 14 415
चंबा 00 74 672
हमीरपुर 04 00 41
कांगड़ा 910 23 1791
कुल्लू 65 1004 2908
किन्नौर 03 135 235
लाहुल-स्पीति 00 05 15
मंडी 581 108 1316
शिमला 2451 1079 4329
सोलन 00 01 119
सिरमौर 228 73 654
ऊना 01 00 04
अपने सपनों के जीवनसंगी को ढूँढिये भारत मैट्रिमोनी पर – निःशुल्क रजिस्ट्रेशन!
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App