इंद्रजीत के नाम रही अंतिम शाम

By: May 12th, 2018 12:05 am

 आनी —चार दिवसीय जिला स्तरीय आनी मेले की तीसरी और आखिरी सांस्कृतिक संध्या में मेला मैदान दर्शकों की भीड़ से खचाखच भरा रहा। अंतिम संध्या में बंजार विधानसभा क्षेत्र के युवा विधायक सुरेंद्र शौरी बतौर मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए। मेला कमेटी के अध्यक्ष एवं एसडीएम चेत सिंह ने उन्हें टोपी, बैच व शाल पहनाकर सम्मानित किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। संध्या की शुरुआत स्थानीय कलाकारों ने अपने अनूठे अंदाज में की। स्थानीय कलाकारों में अमर राठौर ने सुने री मुदड़ी, ओ लता बेबीए, शीलुये लागा वे नाटी रा, तेरा मिलणा सुपणा हुआ जैसे गीतों से सबका मन मोहा। बुछैर क्षेत्र के लोक गायक गहरु राम एंड पार्टी ने भी अपनी प्रस्तुति के जरिए पुरातन संस्कृति संरक्षण का संदेश दिया। इसके अलावा सतीश, विक्की, प्रभा ठाकुर, नरेंद्र पहाडि़या, बालकृष्ण पाठक, हंस राज, डिंपल, जेपी शर्मा ने भी लोगों का भरपूर मनोरंजन करवाया। राकेश शर्मा ने अपनी हास्यकला से सबको हंसाकर लोटपोट किया।  स्टार नाइट में दिनेश शर्मा ने खूबसूरत सिरमौरी गीतों पर समां बांधा। हिमाचली स्टार विनोद ने भी खूबसूरत गीत प्रस्तुत किए। दि वॉयस फेम हिमांशी तंवर ने मैं निकला गड्ड़ी लेके, साड़े नाल रहोगे तो ऐश करोगी, सावन में लग गई आग जैसे गीतों पर दर्शकों को नचाने की कोशिश की लेकिन खास रंग न जमा स्की। तो वहीं संध्या के स्टार गायक एवं मैलोडी किंग इंद्रजीत के मंच पर आते ही दर्शकों से खचाखच भरा मेला मैदान सीटियों से गूंज उठा। उन्होंने अपने कार्यक्त्रम का आगाज अपने चर्चित लोक गीत हाडे मेरे मामुया हो जोता रा मिरग नाडा बै होथा से किया। जिसे सुन दर्शक मस्ती में झूम उठे। उसके बाद इंद्रजीत ने तू एजे घरटे जैसे गीत पेश कर पंडाल को झूमने पर मजबूर किया। इंद्रजीत की नाटियों पर मुख्यातिथि और अन्य गणमान्य भी झूम उठे। इस अवसर पर मुख्यातिथि विधायक बंजार सुरेंद्र शौरी के साथ विधायक आनी किशोरी लाल सागर, भाजपा मंडलाध्यक्ष अमर ठाकुर, व्यापार मंडल अध्यक्ष विनोद चंदेल, मेला कमेटी अध्यक्ष एवं एसडीएम चेत सिंह, तहसीलदार देवेंद्र नेगी, डीएसपी रोहित मृगपुरी, योगेश वर्मा, दुनी चंद, वेद ठाकुर, सुरेंद्र ठाकुर समेत अन्य कई गणमान्य मौजूद रहे ।

कलाकारों पर भारी पड़ती ठेकेदारी प्रथा

लगातार बढ़ रहे राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते बीते कुछ सालों से प्रशासन द्वारा आयोजित किए जा रहे जिला स्तरीय आनी मेले के स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जाने लगी है। ग्रामीण नंद राम, जिया लाल, सेवक राम आदि का कहना है कि पूर्व में आनी मेला क्षेत्र के सभी लोगों की भागीदारी के साथ और मेलजोल के साथ मनाया जाता रहा है। लेकिन बीते एक दशक के अंदर ही मेले का ऐसा राजनीतिकरण हो गया है कि मेले का शुभारंभ और समापन समारोह किसी पार्टी विशेष का जनसम्मेलन ज्यादा लगता है।

राजनीति ने बनाया विवादों का मेला

वहीं, युवाओं भोला दत्त, श्याम सिंह, दीवान असींघ, चमन लाल आदि का कहना है कि इसे मेल-मिलाप के बजाय विवादों का मेला कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं। क्योंकि इस मेले का विवाद सड़कों पर नारेबाजी से लेकर प्रदेश उच्च न्यायालय तक घसीटा गया है।

बिचौलियों को दिया जाता टेंडर

बीते कुछ सालों से मेले के कलाकारों से लेकर लाइट एंड साउंड का जिम्मा किसी एक बिचौलिया कंपनी को देकर हालांकि आयोजक अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन बड़े-बड़े  कलाकार इससे नाखुश हैं। लोक गायक करतार कौशल का कहना है कि प्रशासन को बिचौलिया प्रथा को खत्म कर सीधा कलाकारों से संपर्क करना चाहिए।

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