एक गिलास पानी मिलेगा क्या!

By: May 25th, 2018 12:07 am

शिमला  – शिमला में पानी के लिए मारामारी मच गई है। गुरुवार को शहर के कई क्षेत्रों में जनता को चौथे दिन भी पानी की सप्लाई नहीं मिल पाई। शहर में पेयजल वितरण का शैड्यूल चौथे से पांचवें दिन में पहुंच गया है। जनता को अपना हलक तर करने के लिए पेयजल को यहां-वहां भटकने की नौबत आ गई है। शहर के समरहिल वार्ड व कुसुम्पटी के शिवनगर में निगम प्रशासन चौथे दिन पानी की सप्लाई नहीं दे पाया। हालांकि निगम प्रशासन दिन भर पानी की सप्लाई देने का आश्वासन देता रहा, मगर देर शाम तक इन क्षेत्रों में पानी की सप्लाई नहीं कर पाया। ऐसे में लोगों में निगम प्रशसान के प्रति भारी रोष है। निगम प्रशासन ने गुरुवार को जिन क्षेत्रों में पानी की सप्लाई दी है, उन क्षेत्रों में भी कई स्थानों पर जनता को कम पानी मिलने और कम प्रेशर की समस्या झेलनी पड़ी। नगर निगम को विभिन्न पेयजल परियोजनाओं से 22 एमएलडी पानी मिला है। पेयजल परियोजनाओं से पानी की पंपिंग में फिर से गिरावट आई है।

25.45 एमएलडी पानी की पंपिंग

ओल्ड/न्यू 6.4 एमएलडी 

नौटी       3.48 एमएलडी

गुम्मा      9.89 एमएलडी

गिरि        13.50 एमएलडी

चुरट       1.35 एमएलडी

चैड        0.36 एमएलडी

कोटी       0.35 एमएलडी

न पानी की सप्लाई, न टैंकर पहुंचा

समरहिल वार्ड में गुरुवार को जनता को चौथे दिन पानी की सप्लाई नहीं मिल पाई। निगम प्रशासन सुबह से शाम तक पानी देने का आश्वासन देता रहा, मगर स्थानीय जनता का इंतजार शाम तक खत्म नहीं हो पाया। इतना ही नहीं, स्थानीय जनता की डिमांड पर टैंकर से भी पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई। समरहिल में पानी की सप्लाई चौथे से पांचवें दिन में पहुंच गई है, जिससे स्थानीय जनता में निगम प्रशासन के प्रति भारी रोष है।

उधार के पानी से बना मिड-डे मील

समरहिल वार्ड की पार्षद शैली शर्मा का आरोप है कि निगम प्रशासन स्कूलों में भी पानी मुहैया करवाने में नाकाम साबित हो रहा है। समरहिल में अध्यापकों की डिमांड पर पानी नहीं मिल पाया। ऐसे में अध्यापकों को यहां-वहां से पानी का इंतजाम कर मिड-डे मील बनाना पड़ा।

छराबड़ा में भी टैंकर से सप्लाई

गुरुवार को निगम ने रिट्रीट सहित छराबड़ा में पानी की सप्लाई टैंकर से की। पेयजल परियोजनाओं से पानी कम मिलने से निगम प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। निगम अधिकारी पानी सप्लाई का आश्वासन तो दे रहे हैं मगर पानी की सप्लाई करने में नाकाम साबित हो रहा है।

शहर में वाटर टैंकरों की डिमांड

शिमला में पेयजल की समस्या गहराते ही टैंकरों की डिमांड बढ़ गई है। टैंकरों की डिमांड फिर से 150 के पार हो गई है। होटल व्यवसायी निजी टैंकर मंगवा कर अपनी जरूरत पूरी कर रहे हैं। होटल व्यवसायियों ने निगम प्रशासन पर पेयजल जरूरत पूरा न करने का आरोप लगाया है।

चौथे दिन भी कम प्रेशर

नगर निगम प्रशासन ने शहर के कई क्षेत्रों में पानी की सप्लाई की। मगर जनता का आरोप है कि चौथे दिन भी जनता को कम प्रैशर से कम पानी मिला है। जनता का आरोप है कि निगम प्रशासन सप्लाई के नाम पर औपचारिकताएं पूरी कर रहा है।

निगम के पेयजल वितरण में धांधली

समरहिल वार्ड की पार्षद शैली शर्मा ने कहा कि निगम को पेयजल परियोजनाओं से 22 एमएलडी पानी मिला। उन्होंने कहा कि शहर की जरूरत 45 एमएलडी के करीब है। ऐसे में 22 एमएलडी से आधे शहर के पानी की सप्लाई हो सकती है। ऐसे में चौथे दिन भी पानी की सप्लाई न होना पेयजल वितरण में धांधली की ओर इशारा कर रही है।

हैंडपंप व प्राकृतिक स्रोतों का सहारा

निर्धारित शडयूल के तहत भी पानी की सप्लाई न होने से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लोग हैंडपंप और प्राकृतिक पेयजल स्रोतों से पानी ढोकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं।

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