छोटे किसानों को बने ठोस नीति

By: May 27th, 2018 12:01 am

शिमला — हिमाचल किसान सभा और जन एकता जन अधिकार मंच-जेजा ने भाजपा के राज्याध्यक्ष के बयान की कड़ी निंदा की गई। किसान सभा के जिला अध्यक्ष सत्यवान पुंडीर तथा जेजा के संयोजक गोविंद चतरांटा ने कहा है कि भाजपा के राज्याध्यक्ष सरासर गलत बयानबाजी कर रहे हैं कि 2002 में भूमि के नियमितीकरण के लिए किसानों द्वारा रातोंरात जमीन पर अवैध कब्जे किए और सरकारों ने भी इन्हें प्रोत्साहित किया। किसान सभा के जिलाध्यक्ष ने कहा कि 2002 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने भूमि के नियमितीकरण के संबंध में लाए गए कानून की धारा 163(ए) के तहत संशोधन किया, जिसे तत्कालीन पक्ष (भाजपा) एवं विपक्ष (कांग्रेस) के पूरे सदन ने पास किया। यदि सरकार पर भरोसा करके 167339 किसानों ने 50 रुपए का चालान फार्म भरकर आवेदन किए, तो उन्हें तत्कालीन सरकारी तंत्र को चैक करना चाहिए था। जिस भूमि पर 30 से 40 साल के सेब के पेड़ हो चुके हैं तथा 40 साल पहले मकान बनाए हैं, जिन्हें भाजपा अध्यक्ष अवैध कब्जे और अवैध निर्माण बता रहे हैं, यह सब कुछ रातोंरात नहीं हुआ। इन्हें प्रोत्साहित करने में भाजपा सरकार की भी बराबर की भूमिका रही है। किसान सभा प्रदेश सरकार से मांग करती है कि तुरंत ही सर्वदलीय तथा सभी हितधारकों की बैठक बुलाई जाए तथा एक ठोस नीति बनाई जाए और तब तक किसानों को उजाड़ने की इस मुहीम पर रोक लगाई जाए। वहीं इस मांग को लेकर 28 मई को हिमाचल किसान सभा, किसान जमीन बचाओं संघर्ष समिति के साथ मिलकर प्रदेश सचिवालय का घेराव करेगी।

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