ट्राइबल में मर्जी से नहीं खर्च सकेंगे पैसा

By: May 11th, 2018 12:02 am

विशेष सहायता पर केंद्र का प्रतिबंध, हिमाचल केंद्रीय सचिव से उठाएगा मसला

शिमला— केंद्रीय विशेष सहायता के बजट को राज्य सरकार अपनी मर्जी से ट्राइबल में खर्च नहीं कर पाएगी। केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस के तहत सड़क, सिंचाई, पेयजल और सामुदायिक विकास की स्कीमों पर केंद्रीय विशेष सहायता का बजट खर्च नहीं होगा। इससे पहले राज्य सरकार अपनी इच्छानुसार केंद्र सरकार के पैकेज को ट्राइबल एरिया में खर्च कर देती थी। हिमाचल सरकार ने इस प्रतिबंध को हटाने का मामला केंद्र सरकार से उठाया है। शुक्रवार को केंद्रीय जनजातीय मामले की सचिव शिमला पहुंच रही हैं। इस दौरान राज्य सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से उठा रही है। इसके अलावा जनजातीय क्षेत्रों में फोरेस्ट लैंड एक्ट की पेचीदगियों को भी केंद्र के साथ उठाया जाएगा। बताते चलें कि संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के तहत केंद्र सरकार ट्राइबल एरिया के लिए विशेष केंद्रीय सहायता जारी करती है। अनुदान कार्यक्रमों के निर्धारित दिशा निर्देश के तहत विशेष केंद्रीय सहायता  के तहत जारी होने वाले बजट को राज्य सरकार ट्राइबल एरिया में किसी भी विकास कार्य पर खर्च कर देती थी। इसके तहत भवन, सड़कें, पेयजल योजनाएं, सिंचाई योजनाएं और सामुदायिक विकास के लिए बजट खर्च किया जाता था। केंद्र सरकार ने वर्ष 2016-17 में नई गाइडलाइंस जारी करते हुए केंद्रीय सहायता को निर्धारित स्कीमों के तहत ही खर्च करने के आदेश दिए थे। इसके तहत जनजातीय क्षेत्रों में सड़क, पुल, सिंचाई योजनाएं और सामुदायिक विकास कार्य ठप्प हो गए थे। केंद्रीय सहायता से जारी बजट के दूसरे कार्य पर खर्च न होने से ट्राईबल एरिया में चल रही विकासात्मक योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। लिहाजा 11 मई को शिमला पहुंच रही केंद्रीय जनजातीय मामलों की सचिव के साथ सरकार इस मामले को प्रमुखता से उठा रही है।

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