पर्ची बनाने को 50 मीटर की लाइन  

By: May 29th, 2018 12:05 am

क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में मरीजों को झेलनी पड़ीं दिक्कतें, लगी लंबी लाइनें

ऊना – क्षेत्रीय अस्पताल ऊना के अधिकारियों के हाल अपना काम चलता भाड़ में जाए जनता जैसे हो गए हैं। अस्पताल आने वाले रोगियों की किसी को कोई चिंता नहीं है। अधिकारी अपने-अपने कमरों में आराम फरमा रहे हैं और रोगी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। सोमवार को लाइट न होने से ओपीडी पर्ची नहीं बन पाई। इसके चलते सैकड़ों रोगी उपचार के लिए घंटो लाइनों में खड़े-खड़े परेशान हो गए। कई मरीजों ने तो पर्ची न बनने पर थक हार कर जमीन पर ही डेरा जमा लिया और लाइट आने का इंतजार करने लगे। पर्ची न बनने पर करीब 50 मीटर तक पर्ची काउंटर के दोनों ओर लंबी लाइने लग गई।  अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी कार्यालयों में बिना टेंशन के बैठे रहे। जब इस समस्या के बारे में अस्पताल प्रबंधन को अवगत करवाया तो उल्टा अस्पताल के इंजार्ज जवाब देते हैं कि तो क्या हुआ अगर पर्ची नही बनती है। लाइट नही है और कम्प्यूटर बंद हैं तभी पर्चियां नहीं बन रही है। अस्पताल में जो जेनरेटर लगाया गया है उससे अधिकारियों के कमरों में लगे विद्युत उपकरण तो चल रहे हैं, लेकिन पर्ची बनाने वाले कम्प्यूटर नहीं चल रहे। दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले कई रोगी तो सुबह आठ बजे से लाइनों में खड़े थे, लेकिन इनकी अभी तक पर्ची तक नहीं बनी। अब सवाल यह भी उठता है कि यदि लाइट नहीं और पर्चियां नही बन रही है तो इसके लिए अस्पताल प्रबंधन को कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी, ताकि रोगियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। क्या रोगियों को पर्चियां हाथ से बनाकर नहीं दी जा सकती थी। हर समस्या का हल होता तो लेकिन अगर अधिकारी ही काम नहीं करेंगे तो समस्याएं सुलझेंगी कैसे। अस्पताल प्रबंधन को अस्पताल आने वाले रोगियों की कोई परवाह नहीं। एक तो गर्मी और उपर से तपती टीन के पतरों के नीचे लाइनों में खड़े रोगियों का ओर भी बुरा हो गया और प्रशासन इन सभी समस्याओं से बेखबर है। अस्पताल इंचार्ज इन समस्याओं पर कुछ भी बोलने को तैयार नही है। जब इनसे इनका पक्ष जानने के लिए पूछा गया तो जबाब मिला कि तो क्या हुआ अगर पर्ची नहीं बन रही है। आपको ये सब क्यों पूछ रहे हो।

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