प्यासी जनता-पुलिस में धक्कामुक्की

By: May 30th, 2018 12:06 am

शिमला में 14 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज, कुसुम्पटी में विभागीय जेई चार्जशीट

शिमला — राजधानी में पानी को लेकर कोहराम मच गया है। शहर में जलसंग्राम छिड़ गया है। प्यासी जनता खाली बरतन लेकर शहर में जगह-जगह सड़कों पर उतर रही है। शिमला में मंगलवार को दूसरे दिन भी पानी को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस जवानों के साथ धक्कामुक्की और मारपीट हुई, जिससे शहर का माहौल तनाव पूर्ण हो गया है। पुलिस ने इस मामले में वापमंथी नेताओं सहित प्रदर्शनकारियों पर केस दर्ज किया है। शहर में चल रही पानी की किल्लत को लेकर वामपंथियों ने नगर निगम कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने उपमहापौर कार्यालय में प्रवेश करने का प्रयास किया। पुलिस द्वारा रोकने पर खाकी और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर धक्कामुक्की हुई। इस दौरान दोनों ओर से हाथापाई भी हुई। इतना ही नहीं, वापमंथी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर थप्पड़ जड़ने के आरोप लगाए हैं। भारत कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिवालय सदस्य डा. कुलदीप सिंह व पूर्व महापौर संजय चौहान ने आरोप लगाया कि सरकार जनता की आवाज दबाने के लिए बल का प्रयोग कर रही है। नुमाइंदोंसे मिलने के लिए जनता को रोका जा रहा है।

सुरक्षा के चलते लिया एक्शन

एसपी शिमला ओमापति जम्वाल ने बताया कि भारी संख्या में लोग उपमहापौर कार्यालय की ओर जा रहे थे। सुरक्षा कारणों से जब उनको रोका गया तो इस दौरान लोगों ने पुलिस के साथ धक्कामुक्की की। पुलिस ने 14 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

आज भी जारी रहेगा मंत्री का दौरा

आईपीएच मंत्री बुधवार तथा गुरुवार को भी संबंधित अधिकारियों व अभियंताओं सहित शिमला शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्वयं लोगों से पानी की स्थिति का पता करेंगे। इस संबंध में वह लगातार विभागीय अभियंताओं से संपर्क में हैं तथा समीक्षा बैठकें भी करेंगे।

राज्य के ज्यादातर नदी-नाले सूखे

आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा है कि राज्य में अधिकांश नदी-नालों का पानी सूख चुका है, जिससे पेयजल की समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि योजनाओं को आने वाला पानी, कूहलों में न डाला जाए, क्योंकि सभी को पीने के लिए पानी मिलना चाहिए।

11 जगह लगेंगे हैंडपंप

शिमला में पानी की कमी को दूर करने के लिए 11 जगहों को चिन्हित किया गया है, जहां पर जल्द से जल्द हैंडपंप लगा दिए जाएंगे। वैसे यहां पहले भी कई जगहों पर हैंडपंप लगाए गए हैं, लेकिन उनमें अब पानी नहीं आता। अब विभाग ने 11 स्थान चिन्हित किए हैं, जहां पर हैंडपंप लगाने के लिए आदेश दे दिए गए हैं। हैंडपंप लगने से यहां लोगों को कुछ राहत मिल सकेगी।

1022 योजनाएं प्रभावित

प्रदेश में इस समय 3570 बस्तियों में पेयजल की किल्लत महसूस की जा रही है। इनमें 1022 पेयजल योजनाएं बुरी तरह से प्रभावित हैं, जिनके साथ लगती सिंचाई योजनाओं को भी अब पेयजल योजनाओं के साथ जोड़ा जा रहा है। लगभग सभी जिलों में टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है। छोटी-छोटी योजनाओं को एक-दूसरे से जोड़ा जा रहा है ताकि उनमें पानी बढ़ सके। वैसे इससे ज्यादा फर्क पड़ने वाला नहीं है परंतु किसी ना किसी तरह से गंभीर स्थिति से निपटने की कोशिशें हो रही हैं।

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