वक्त पर न एंबुलेंस आई, न ही प्रशासन

By: May 14th, 2018 12:20 am

नाहन – रविवार का दिन जिला सिरमौर के राजगढ़ में मातम लेकर आया। नेईनेटी के समीप भूण में जब लोग सुबह अपने घरों में प्रतिदिन के कार्य का निपटारा कर रहे थे तो अचानक लोगों की चीख-पुकार से नेईनेटी की पहाडि़यां गूंज उठीं। भगनाल बस सर्विस की बस (एचपी 64-9097) के दुर्घटनाग्रस्त होने से जहां लोक निर्माण विभाग के कार्यों की पोल खुली, वहीं प्रशासन-पुलिस व एंबुलेंस सेवा भी सवालों के घेरे में आ गई।  मौके पर प्रशासन, पुलिस व एंबुलेंस की सेवा तब पहुंची, जब स्थानीय लोगों ने घायलों को अपने निजी वाहनों में सोलन अस्पताल पहुंचा दिया था। दुर्घटना में मारे गए छह व्यक्तियों के शव बस के नीचे दबे हुए थे, जिन्हें बड़ी मुश्किल से स्थानीय लोगों ने जेसीबी की मदद से बस के नीचे से निकाला। जब तक 108 एंबुलेंस सेवा मौके पर पहुंची, तब तक सभी घायलों को सोलन अस्पताल पहुंचा दिया गया था। दुर्घटना में एक बात ओर भी स्पष्ट तौर पर सामने आई कि जो चालक बस को चला रहा था, वह केवल दो दिन के लिए बस में बस चलाने के लिए आया था। बताया जा रहा है कि सोलन के वाकनाघाट निवासी चालक संतोष कुमार किसी वोल्वो बस का चालक था तथा दो दिन के अवकाश के दौरान दुर्घटनाग्रस्त बस में आया था। दुर्घटना में थानाधार की 55 वर्षीय कौशल्या व उसका अढ़ाई वर्ष का पौता आस्तिक मौत का शिकार हो गए। दुर्घटनाग्रस्त बस करीब एक दशक पुरानी थी और काल का ग्रास बने अधिकांश लोग आसपास के क्षेत्रों से ही थे। मात्र एक मृतक सुभाष चंद पुत्र किशोरी लाल कांगड़ा जिला के लपियाणा हारचक्कियां का रहने वाला था। हैरानी की बात तो यह है कि दुर्घटनास्थल राजगढ़ से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, परंतु प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस को मौके पर पहुंचने में करीब एक घंटा 20 मिनट का समय लग गया।

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