सेमेस्टर-एनुअल सिस्टम पर स्टडी

By: May 10th, 2018 12:01 am

कालेज प्राध्यापक विस्तार से करेंगे अध्ययन, तैयार होगी रिपोर्ट

 शिमला— प्रदेश के कालेजों में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत चलाए जा रहे के्रडिट बेस्ड च्वाइस सिस्टम और सेमेस्टर सिस्टम प्रदेश का बड़ा मुद्दा बना हुआ है। एक ओर जहां छात्र संगठन इसे लेकर आंदोलन कर रहे हैं, वहीं अब प्रदेश राजकीय कालेजों के प्राध्यापक भी इस प्रणाली के बदलाव के पक्ष में उतरे हैं। कालेज प्राध्यापकों ने माना है कि वर्तमान में जो सिस्टम यूजी डिग्री में लागू किया गया है, उसमें बहुत सी खामियां हैं और इसमें सुधार होना चाहिए। हालांकि सरकार की ओर से भी छात्रों के दबाव में आकर रूसा में वार्षिक सिस्टम लागू करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इसके लिए एक कमेटी का गठन भी सरकार की ओर से किया गया है, लेकिन कालेज प्राध्यापकों का कहना है कि कमेटी को गहन विचार कर ही प्रणाली में वार्षिक सिस्टम लागू करने का फैसला लेना चाहिए। प्रदेश के कालेजों में किस तरह का सिस्टम रूसा के तहत लागू हो सके, इसके लिए कालेज प्राध्यापकों द्वारा भी अपने सुझाव रिकंसीडर कमेटी के समक्ष रखे जाएंगे। बुधवार को आरकेएमवी में आयोजित रूसा पर राज्य स्तरीय परिचर्चा में प्रदेश के सभी कालेजों से उपस्थित शिक्षकों ने इस पर हामी भरी है। कालेज प्राध्यापकों ने फैसला लिया है कि वे प्रदेश की शिक्षा में सेमेस्टर और वार्षिक सिस्टम दोनों का विस्तार से अध्ययन करेंगे। दोनों सिस्टमों को स्टडी कर इनकी खामियां और खासियत दोनों पर विस्तार से रिपोर्ट तैयार की जाएगी। राजकीय कालेज प्राध्यापक संघ के जनरल सचिव महासचिव प्रो. राम लाल का कहना है कि संघ अपनी रिपोर्ट 16-17 मई को होने वाली रिकंसीडर कमेटी के समक्ष रखेगा। वहीं कालेज प्राध्यापकोंं द्वारा शिक्षा विभाग के उस प्रोपोजल पर अपना विरोध जताया गया है, जिसमें रूसा के तहत शिक्षा प्रणाली को निजी कंपनी को सौंपने का निर्णय लिया जा रहा है।

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