स्मार्ट सिटी योजना में लोकल मंत्री हाशिए पर

By: May 22nd, 2018 12:20 am

 प्रदेश सरकार ने समीक्षा बैठक के दौरान भी अपने स्तर पर लिए अहम निर्णय

धर्मशाला—पर्यटन नगरी धर्मशाला को स्मार्ट सिटी बनाने की राज्य सरकार की मुहिम पर सियासी संकट दिख रहा है। राज्य सरकार ने इस परियोजना को पूरा करने के लिए डेडलाइन तो तय कर दी है, लेकिन इसका प्रारूप और यहां होने वाले कार्यों को लेकर बनाई गई योजना में स्थानीय विधायक व मंत्री को नहीं बुलाया। आलम यह है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला में स्मार्ट सिटी की समीक्षा बैठक बुलाई थी, उसमें भी लोकल विधायक व मंत्री की अनुपस्थिति क्षेत्रवासियों की समझ से परे है। ऐसे में अब लोग जिला मुख्यालय के विकास कार्यों में नेता की सहभागिता न करने पर कई प्रश्न खड़े कर रहे हैं। शहर में चल रहे अन्य कार्यों की गति भी पहले की अपेक्षा धीमी हो गई है।  प्रदेश की दूसरी राजधानी व कांगड़ा जिला मुख्यालय को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए शुरू हुए प्रयासों में अभी तक निकल कर कुछ सामने नहीं आ पाया है। हालात यह हैं कि अभी तक शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता के प्रमुख अभियान को भी पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है। शौचालयों की सुविधा भी लोगों को नहीं मिल रही है। कहां पर क्या होगा या स्थानीय जनता शहर में क्या बदलाव चाहती है, इसके लिए न ही इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना में लोकल एमएलए व मंत्री को शामिल किया गया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री द्वारा शिमला में की बैठक में भी सीएम ने जिला के दोनों मंत्रियों को आपसी मतभेद छोड़ कर स्मार्ट सिटी पर ध्यान देने के निर्देश दिए थे, लेकिन धर्मशाला से अपनी ही पार्टी के नेता को समीक्षा बैठक में बिठाया ही नहीं।  स्मार्ट सिटी परियोजना को केंद्र द्वारा लागू किए डेढ़  साल से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक धरातल पर कोई काम शुरू नहीं हो पाया है। 2100 करोड़ की विशाल परियोजना से पूरे नगर निगम एरिया का कायाकल्प होना है। लेकिन ऐसे हालत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह परियोजना कहीं खींचतान का शिकार न बन जाए अब लोगों को इस बात का भी डर सताने लगा है।

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