1982 में दो सीटें कम थीं फिर भी नहीं बनाई सरकार
धर्मशाला – कर्नाटक मामले पर सांसद शांता कुमार ने धर्मशाला में बड़ा बयान देते हुए कहा कि यह परिदृश्य देश के लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा 1982 में मात्र दो सीटें कम होने के बावजूद उन्होंने खरीद-फरोख्त कर सरकार नहीं बनाई थी। हालांकि उन पर चारों ओर से दबाव था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी भी बार-बार पूछ रहे थे, लेकिन उन्होंने यह कहकर वाजपेयी को मना कर दिया था कि वह जिंदा मांस का व्यापार नहीं करते। उस समय यदि मोल भाव की राजनीतिक करता तो मुख्यमंत्री बन सकता था। शांता कुमार ने कहा कि 1982 में भाजपा को 29 और कांग्रेस को 31 सीटें मिली थीं। छह पर निर्दलीय जीते थे। मुझ पर छह आजाद को मिलाकर सरकार बनाने का दबाव था। मैंने अटल बिहारी वाजपेयी से कहा था कि मैं जिंदा मांस का व्यापारी नही हूं। इसके बाद वाजपेयी ने जयपुर से घोषणा की थी कि हिमाचल की जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है, भाजपा हिमाचल में सरकार नहीं बनाएंगी। भाजपा कांग्रेस से 26 सीट ज्यादा जीती है। ऐसे में लोकतंत्र की हत्या तो कांग्रेस कर रही है। कांग्रेस को भाजपा की सरकार बनाने देनी चाहिए थी।
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