लहाशणी मेला दे गया कभी न भरने वाले जख्म

By: May 21st, 2018 12:05 am

कुल्लू —लहाशणी मेला परिजनों को जिंदगी के लिए दुख दे गया।  मेले का स्थान कुछ ही दूरी पर रह गया था कि टाटा सूमों कैंची मोड़ से नीचे जा गिरी, जिसमें जिला कुल्लू के कोने-कोने से मेले में जा रहे लोग काल का ग्रास बन गए। यही नहीं, इसमें दो-तीन परिवारों का साथ भी बिछड़ गया। काल ने मां की गोद से एक नन्ही बेटी की जिंदगी छीन ली, जबकि मां गंभीर रूप से घायल हो गई। वहीं, मणिकण घाटी का विशन भी पत्नी और बेटे को छोड़कर चला गया है, जबकि पत्नी और बेटा हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घर से परिवार हंसते-खेलते लहाशणी कथियाची मेले के लिए जा रहा था। वहीं, लारी गांव की एक महिला हादसे में घायल हो गई है और बच्ची की मौत हो गई है। वहीं, जिया और बागबाई का एक परिवार भी इसी सूमों में मेला देखने के लिए जा रहा था कि हादसे में कुछ परिवार के सदस्य घायल हो गए हैं, जबकि कुछ जान गवां चुके हैं। बता दें कि मणिकर्ण घाटी के हुरण गांव निवासी विशन पत्नी घामा देवी और बेटे अक्षित के साथ लहाशनी मेले को जा रहा था। हादसे में विशनदास मौके पर ही जान गवां चुका है, जबकि पत्नी और बेटा कुल्लू अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किए गए हैं। पत्नी और बेटे को अभी तक यह पता नहीं है कि हादसे में विशन की मौत हो गई है। वहीं, जैसे ही सभी लोगों को अस्पातल 108 आपातलीन एबुंलेंस में पहुंचाया तो अस्पताल का माहौल गमगीन हो गया है। जैसे ही हादसे के सूचना गांव-गांव तक पहुंची तो सभी ग्रामीण अस्पातल पहुंचे और अस्पताल में हर किसी को आंसू रुक नहीं पाए। सड़क की हालत भी जहां दयनीय है। वहीं, ऐसे में सूमो चालक ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए गाड़ी में 16 लोगों को सवार करवार उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया। ओवरलोडि़ंग इस हादसे का सबसे बड़ा कारण बनी। ग्रामीणों के परिवारों को कभी न भूला देने वाला लहाशणी कथियाची मेला ऐसा सबक दे गया कि वे अब मेले के नाम से भी डरने लगे हैं। लहाशणी मेले में काल का ग्रास बने पांच ग्रामीणों में एक मासूम को क्या मालूम था कि रविवार का दिन उसकी जिंदगी का आखिर दिन होगा।

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