इंडियन आर्मी को मिले 223 जवान
सुबाथू में दीक्षांत परेड के दौरान शपथ ग्रहण समारोह
सुबाथू— ‘मैं भारतीय सेना का जवान, गीता पर हाथ रखा कर कसम खाता हूँ कि मैं अपने देश व संविधान की हर परिस्थितियों में रक्षा करूंगा।’ कुछ ऐसे ही शब्दों के साथ 14 जीटीसी के धर्मगुरु सूबेदार रामबनी पाठक ने 135 (ए और बी) कोर्स के 223 जवानों को 42 सप्ताह की कठिन ट्रेनिंग के बाद विविधत रूप से भारतीय सेना में शामिल होने की शपथ दिलाई। सुबाथू में रविवार को 14 जीटीसी के ऐतिहासिक सलारिया स्टेडियम में भव्य दीक्षांत परेड का आयोजन किया गया। इस मौके पर सेना के जवानों ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी’ गीत की धुन पर जवानो नें राष्ट्रीय ध्वज को सलामी भी दी। 14 जीटीसी के ब्रिगेडियर आरएस रावत ने परेड का निरीक्षण करते हुए सलामी ली। ब्रिगेडियर आरएस रावत ने सभी जवानों को बधाई देते हुए कहा कि वे अब विश्व की सबसे बड़ी सेना में शामिल हुए हैं। ब्रिगेडियर ने ट्रेनिंग के दौरान सर्वश्रेस्ठ प्रदर्शन करने वाले जवानों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर पवन शर्मा को बेस्ट रंगरूट के खिताब से नवाजा गया। वहीं होरिजन राय को चांदी की खुखरी देकर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर जवानों ने खुखरी डांस भी किया।
… जंग में खून नहीं बहेगा
सुबाथू में स्थापित 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र देश भर के सैनिकों को दुश्मन से लड़ने का प्रशिक्षण देता है। इस प्रशिक्षण में एक ही बात सिखाई जाती है कि टे्रनिंग में पसीना बहाने वाला जवान कभी जंग में खून नहीं बहाता। प्रशिक्षण केंद्र में 42 सप्ताह की कड़ी टे्रनिंग के बाद एक जवान दुश्मन के लिए अकेला ही भारी पड़ता है। जंग में गोरखा फौज का एक ही लक्ष्य होता है ‘कायर हुनू भंदा मरनों राम्रो।’ इसका अर्थ है कि कायर होने से तो मरना बेहतर।
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