इक्डोल का भविष्य कोर्ट के फैसले पर

By: Jun 29th, 2018 12:01 am

तीन जुलाई को सुनवाई, यूजीसी को दिए हैं पक्ष रखने के निर्देश

शिमला — हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय दूरवर्ती शिक्षा एवं मुक्त अध्ययन केंद्र के भविष्य को लेकर फैसला तीन जुलाई को होगा। इस तय तिथि पर कोर्ट में इक्डोल की मान्यता रद्द होने के मामले पर सुनवाई होगी, जिसमें इक्डोल में सत्र 2018-19 के प्रवेश को लेकर स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी। कोर्ट की ओर से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को मामले में अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं। अब जो पक्ष यूजीसी ने इक्डोल की मान्यता को रद्द करने को लेकर रखा है, उसी  के आधार पर फैसला कोर्ट की ओर से लिया जाएगा। विवि इक्डोल को अब मामले पर कोर्ट से ही राहत मिलने का इंतजार है। ऐसे में इक्डोल को पूरी उम्मीद है कि फैसला उनके पक्ष में ही होगा। यही वजह है कि इक्डोल ने इस सत्र में प्रवेश प्रक्रिया करवाने को लेकर तैयारियां भी अंदरखाते शुरू कर दी हैं। हालांकि केंद्र में हर बार जून माह में प्रवेश को लेकर तैयारियां शुरू हो जाती हैं, लेकिन इस बार मान्यता न मिलने के बाद इक्डोल में प्रवेश की प्रक्रिया को लेकर भी असमंजस की स्थिति है। ऐसे में अगर कोर्ट से राहत मिलती है, तो इक्डोल प्रवेश के लिए  पूरी तरह से तैयार रहना चाहता है। यही वजह है कि इक्डोल ने अभी से ही यूजी सहित पीजी कोर्सेज की प्रवेश प्रक्रिया के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। मान्यता को लेकर पूरा मामला यूजीसी की ओर से हुआ है। एचपीयू इक्डोल में इस सत्र बैच बैठाने की मान्यता आयोग की ओर से नहीं मिल पाई है। यूजीसी ने जिस कारण से इक्डोल की इस सत्र के बैच को प्रवेश देने की मान्यता रद्द की है, उसमें राहत देने के लिए इक्डोल कोर्ट में भी गया है, लेकिन अभी तक राहत न तो कोर्ट से मिल पाई है, न ही यूजीसी से।

हजारों छात्रों के भविष्य से जुड़ा है फैसला

एचपीयू अंतर्राष्ट्रीय दूरवर्ती एंव मुक्त अध्ययन केंद्र की इस वर्ष नया बैच बैठाने की मान्यता रद्द होने के वजह से प्रदेश के हजारों छात्रों का भविष्य दाव पर है। कालेजों में जिन छात्रों को हाई मैरिट जाने के वजह से नहीं मिल पाता है और पीजी में जो छात्र रेगुलर कक्षाएं नहीं लगाना चाहते है उनके लिए एक मात्र विकल्प केवल इक्डोल ही है। ऐसे में अब अगर इस सत्र 2018-19 में इक्डोल में बैच नहीं बैठता है तो प्रदेश के हजारों छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण करने से वंचित रह सकते है।


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