ऊर्जा अधिकारियों का विदेश दौरा रुका

By: Jun 28th, 2018 12:02 am

शिमला— हिमाचल पावर कारपोरेशन के अधिकारियों का चीन और आस्ट्रिया का दौरा रोक दिया गया है। अधिकारियों द्वारा रिजल्ट न दिए जाने से नाराज ऊर्जा मंत्री ने इन अफसरों को विदेश जाने की इजाजत ही नहीं दी। पावर कारपोरेशन के इन अधिकारियों को एक निजी कंपनी द्वारा विदेश ले जाया जा रहा था, जहां पर इनको आधुनिक मशीनरी दिखाई जानी थी, परंतु फिलहाल ऐसा नहीं हो सकेगा। बताया जाता है कि ऊर्जा मंत्री पावर कारपोरेशन के प्रोजेक्टों में धीमी गति से हो रहे काम से नाराज हैं और इसकी गाज अफसरों के विदेश दौरे पर गिरी है। सूत्रों के अनुसार निगम की शौंगटौंग परियोजना का हाल ही में ऊर्जा मंत्री ने दौरा किया था। वहां कई तरह की खामियां सामने आई हैं, जिसके बाद दूसरी परियोजनाओं का दौरा करने का भी निर्णय लिया गया है। इस बीच निगम के अधिकारियों की विदेश दौरे की फाइल  सचिवालय पहुंच गई, जिस पर ऊर्जा मंत्री गुस्सा गए हैं। जानकारी के अनुसार पावर कारपोरेशन के एमडी सहित चार अन्य अधिकारी शौंगटोंग परियोजना के लिए टरबाइन और मशीनरी की खरीद के लिए विदेश दौरे पर जाने की तैयारी में थे। हालांकि यह दौरा कंपनी की तरफ से करवाया जा रहा था, लेकिन इसके लिए सरकार की परमिशन जरूरी थी। ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने पिछले सप्ताह किन्नौर का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने  हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के 450 मेगावाट विद्युत क्षमता के शौंगटौंग प्रोजेक्ट को देखा। सामने आया कि अभी तक प्रोजेक्ट निर्माण के लिए डंपिंग साइट तक नहीं बनाई जा सकी है, जबकि इसका काम चले सालों हो गए हैं। इसका प्रावधान डीपीआर में किया जाता है। छोटी-छोटी समस्याओं को  पावर कारपोरेशन के अधिकारी अपने स्तर पर निपटाने के बजाय सरकार के समक्ष मामला उठा देते हैं, जिसके चलते  निर्माण में देरी हो रही है। इन सभी बातों को लेकर मंत्री ने अधिकारियों से जवाब मांगा है। बुधवार को निगम के प्रबंध निदेशक ने भी मंत्री से बातचीत की है। ऊर्जा मंत्री को प्रोजेक्ट में देरी के लिए क्लेरीफिकेशन दी गई है।

ऊर्जा राज्य बनने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी

शिमला— मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश को ऊर्जा राज्य बनाने के लिए अभी बहुत कुछ करना शेष है। इसके लिए सरकार तथा बिजली उत्पादकों को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना होगा। शिमला में बिजली क्षेत्र पर लिखी गई एक पुस्तक का विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 27 हजार मेगावाट से अधिक जल विद्युत दोहन की क्षमता है तथा सरकार इसे निजी और सार्वजनिक भागीदारी द्वारा आमंत्रित करके दोहन करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री राज कुमार वर्मा द्वारा लिखी पुस्तक ‘ऊर्जा राज्य का सपना नकारात्मकता के मायाजाल में’ का विमोचन कर रहे थे। ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक संजीवन, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता तथा सर्वोच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव अशोक अरोड़ा ने इस अवसर पर अपने विचार रखे। साईं इंजीनियर फांउडेशन के महाप्रबंधक हेम सिंह, विधायक जेआर कटवाल, राज्यपाल के सलाहकार डा. शशिकांत शर्मा, भाजपा नेता गणेश दत्त और अन्य भी इस अवसर पर मौजूद रहे।


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