किसानों-बागबानों के चेहरे खिले
शिमला – प्रदेश में लंबे अंतराल के बाद हुई झमाझम बारिश किसानों और बागबानों के लिए राहत लेकर आई है। सूखे की मार झेल रहे किसान-बागबान बारिश के बाद अब चिंता मुक्त हो गए हैं। किसानों-बागबानों में उम्मीद जगी है कि ड्राई स्पैल के बाद हुई बारिश फसलों के लिए संजीवनी का काम करेगी। प्रदेश में विंटर सीजन के दौरान सामान्य से कम बारिश होने और अप्रैल-मई माह के ड्राई बीतने से फसले सूखे की चपेट में आ गई थी। नमी की कमी और बारिश न होने से राज्य में मटर सहित अन्य नकदी फसलें तबाह हो गई थी। आलू पर भी सूखे का असर दिखने लगा था। सूखे से बागबानी पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे थे। नमी की कमी के चलते सेब के पौधों में ड्रॉपिंग शुरू हो गई थी। राज्य के कम व मध्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कई जगह पौधों से सेब के दाने झड़ने आरंभ हो गए थे। ऐसे में बागबान खासे चिंतित थे। बागबानों को फसल तबाह होने का खतरा सता रहा था, मगर मौसम में आई करवट बागबानों के लिए सुखद साबित होगी। बागबानी विशेषज्ञों की मानें तो जून के दूसरे सप्ताह के दौरान हो रही बारिश बागबानी के लिए लाभदायक है। इससे जहां पौधों में ड्रॉपिंग का खतरा नहीं रहेगा, वहीं बारिश सेब के पौधों (दानों) में साइज के लिए भी संजीवनी का काम करेगी। इसके अलावा बारिश अन्य नकदी फसलों के लिए भी लाभदायक मानी जा रही है।
बिजाई लायक हुई नमी
प्रदेश में किसान खरीफ की फसल की बिजाई के लिए बारिश के इंतजार में थे। सूखे के चलते किसान खरीफ की फसल की बिजाई नहीं कर पा रहे थे, मगर अब बारिश से खेतों में फसल बिजाई लायक नमी हो गई है, जिसके चलते अब किसान जल्द ही खेत खलिहानों का रुख कर देंगे।
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