पर्यटन तंत्र को संवारने की चुनौती

By: Jun 14th, 2018 12:05 am

अनुज कुमार आचार्य

लेखक, बैजनाथ से हैं

हिमाचल के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में सस्ती पार्किंग सुविधा एवं रात्रि ठहराव की सहूलियतों में सुधार की गुंजाइश है। मनाली के एक होटल में बाहर से आए पर्यटकों को बंद करना एवं धर्मशाला में सैलानियों के सामान की चोरी जैसी खबरें पर्यटन संभावनाओं पर विपरीत असर डालती हैं। इन खामियों को सुधारने की जरूरत है…

भारत सहित विश्व के कई देशों के लिए पर्यटन के जरिए कमाई करना बड़ी अहमियत रखता है। रोजगार की ही बात करें, तो विश्व में हर 12 में से 1 व्यक्ति पर्यटन व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। विश्व पर्यटन संगठन के अनुसार 2020 तक 01 अरब 60 करोड़ लोग घूमने-फिरने के लिए दूसरे देशों में जाएंगे। प्राचीनकाल से ही इतनी विशाल सृष्टि को नजदीक से देखने-जानने की मानवीय प्रवृत्ति रही है। अपने सीमित संसाधनों के बावजूद लोग व्यापार, ज्ञानार्जन कार्यों के अतिरिक्त दूसरे देशों की संस्कृतियों को समझने की जिज्ञासा के चलते भी छोटी-बड़ी यात्राएं करते रहे हैं। वर्तमान आधुनिक युग में जब आवागमन के संसाधनों और आर्थिक स्तर में वृद्धि हुई है, तो पर्यटन के आयाम ही बदल गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पर्यटन से कई गलतफहमियां दूर होती हैं। दूसरे देशों की व्यवस्था एवं विकास को निकट से देखने-समझने का सुअवसर प्राप्त होता है और यात्राओं से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। गैलफ इंटरनेशनल की ताजा सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि सुरक्षित देशों की सालाना सूची में भारत 29वें नंबर पर है, जबकि पिछले साल भारत की रैंकिंग 63वीं थी। यानी सुरक्षा मानकों के लिहाज से हमारे देश ने 34 पायदानों की लंबी छलांग लगाई है। सिंगापुर लगातार दूसरे साल भी सबसे सुरक्षित देश है।

हिमाचल प्रदेश पर्वतीय प्रदेश है और यहां की भौगोलिक परिस्थितियां औद्योगिक विस्तार एवं प्रगति की राह में कहीं न कहीं आड़े आती हैं। पर्यटन एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जो न केवल हिमाचल की आर्थिकी को संबल देता है, बल्कि हमारे युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते भी खोलता है। हिमाचली पर्यटन की राह में कुछ दुश्वारियां भी हैं, मसलन अतिक्रमण की मार के कारण तंग गलियां एवं सड़कें जहां नियमित रूप से लगने वाले ट्रैफिक जाम को आमंत्रित करते हैं, वहीं पार्किंग की सुविधाएं न होना भी पर्यटन को प्रभावित करता है। कई बार बाहरी सैलानियों की हुड़दंगबाजी के किस्से, कहानियां अखबारों की सुर्खियां बनती हैं, तो कई दफा शरारती एवं शराबी तत्त्वों द्वारा पर्यटक वाहनों के साथ तोड़फोड़ की घटनाएं पर्यटकों के दिलों में भय उत्पन्न करती हैं। ऐसे में पर्यटकों की सुरक्षा की कमी भी पर्यटन को प्रभावित करती है।

पर्यटक स्थलों पर सैलानियों और स्थानीय लोगों के मनों में सुरक्षा की भावना का संचार करने के लिए हथियारबंद पुलिस कर्मियों एवं पुलिस की नियमित गश्त की व्यवस्था होनी चाहिए। इन दिनों गर्मियों के सीजन में शिमला, मनाली, डलहौजी, मक्लोडगंज, बीड़, पालमपुर सहित प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों पर सैलानियों का मेला लगा हुआ है। यह हिमाचल के पर्यटन उद्योग के लिए सुखद संकेत है। होटलों के कमरे भरे हुए हैं,  बाजारों में रौनकें हैं और व्यवसाइयों के चेहरे खिले हुए हैं। हिमाचल के प्रमुख पर्यटक केंद्रों में सस्ती पार्किंग सुविधा एवं रात्रि ठहराव की सहूलियतों में सुधार की गुंजाइश है। इस मामले में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर के निकट बनाई गई फ्लाईओवर वाली पार्किंग एवं सारागढ़ी सरा एक नजीर साबित हो सकती है। यहां नाममात्र का पार्किंग शुल्क और ग्यारह सौ रुपए में पूर्णतया वातानुकूलित सुरक्षित कमरा ऑनलाइन बुक करवाया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश के प्रमुख पर्यटक केंद्रों में 20 अथवा 50 कमरों वाले ऐसे भवनों का निर्माण करवाकर पर्यटन से होने वाली आमदनी को बढ़ाया जा सकता है। मनाली के एक होटल में बाहर से आए पर्यटकों को बंद करना अथवा धर्मशाला में सैलानियों के सामान की चोरी जैसी खबरें पर्यटन संभावनाओं पर विपरीत असर डालती हैं। इन खामियों को सुधारने की जरूरत है। प्रदेश सरकार द्वारा चंडीगढ़ और शिमला के बीच हेलीटेक्सी की शुरुआत सराहनीय प्रयास है। ऐसी शुरुआत प्रदेश की अन्य जगहों पर भी होनी चाहिए तथा वहां के निकटवर्ती आईपीएच,  पीडब्ल्यूडी तथा वनविभाग के विश्रामगृहों को पर्यटकों के लिए उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। प्रायः देखा गया है कि इन विभागों के विश्रामालय आम लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं। भारत में पर्यटन सबसे बड़ा सेवा उद्योग है और सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 6.23 फीसदी है, तो वहीं रोजगार प्रदान करने में 8.75 प्रतिशत योगदान है।

इन आंकड़ों के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश को पर्यटक राज्य बनाने का सपना संजोए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सोच प्रशंसा योग्य है। जरूरत है आवश्यक सुविधाओं में बढ़ोतरी करने, पर्यटकों की सुरक्षा, सस्ती पार्किंग एवं ठहरने की व्यवस्था करने और पर्यटकों को हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाने की, ताकि हिमाचल के पर्यटन को और ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके। हिमाचल में पर्यटन का वातावरण तैयार करने के लिए प्रचार-प्रसार होना चाहिए।

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