भगवान का पूत नाटक पर लगे ठहाके

By: Jun 11th, 2018 12:05 am

 कुल्लू—ऐक्टिव मोनाल कल्चरल एसोसिएशन कुल्लू द्वारा भाषा एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्त्वावधान में लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र कुल्लू में आयोजित किए जा रहे ‘समर नेशनल थियेटर फेस्टिवल’ की छठी संध्या में ऐक्टिव मोनाल कल्चरल एसोसिएशन के कलाकारों ने अपना हास्य नाटक ‘भगवान का पूत’ प्रस्तुत कर दर्शकों को लोट-पोट किया। राजा चटर्जी द्वारा लिखित तथा नूर जहीर द्वारा हिंदी में रूपांतरित इस नाटक का निर्देशन केहर सिंह ठाकुर ने किया। इसमें हमारी झटपट चमत्कार की ओर आकर्षित होने की और किसी को भी अवतार मानने की हिंदुस्तानी वृत्ति को व्यंग्य से उभारा है। बाहरी रूप से हास्यपूर्ण लगने वाला यह नाटक एक जुलाहे के लड़के की राजकुमारी के साथ प्रेम कहानी है, जिसमें जुलाहे का लड़का राजकुमारी को पाने के लिए झूठ मूठ का भगवान विष्णु बनता है। मनुष्य की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा और देश के महत्त्वाकांक्षी राजा के आसपास रहने वाले चाटुकारों, जो अपने आप को राजा और देश का वफादार दिखाते हैं और भीतर से इतने स्वार्थ से भरे और मौका परस्त होते हैं कि अपने फायदे के लिए देश के प्रमुख से प्रजा पर तरह-तरह के कर लगवाते हैैं। यहां तक कि राजा से यह कहकर भी प्रचार करवाते हैं कि राजा के पूर्वज स्वर्ग से उतर कर आए हैं, जन गण की सेवा के लिए और इस तरह राजा ‘भगवान का पूत’ है। नाटक में आश्चर्यजनक एवं व्यंग्यात्मक मोड़ तब आता है जब भगवान विष्णु भी ब्लैकमेल हो जाते हैं और अपना अस्तित्व खतरे में पाकर नकली विष्णु अर्थात जुलाहे के लड़के की युद्ध में मदद कर राजा को जितवा देते हैं क्योंकि वह जुलाहा विष्णु बन कर युद्ध में जाता है।  नाटक में मंच पर सवयं केहर सिंह ठाकुर, आरती ठाकुर, सीता, दीन दयाल, आशा, कविता, अवंतिका, ममता, जीवानंद, भूषण देव, श्याम, रेवत राम विक्की आदि कलाकारों ने अपने सधे हुए अभिनय से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। प्रकाश व्यवस्था मीनाक्षी व वैभव ठाकुर की रही और पार्श्व ध्वनि संचालन अनुरंजनी ने किया। नाट्योत्सव की इस संध्या में हिमाचल कला, भाषा एवं संस्कृति अकादमी के सचिव डा. कर्म सिंह बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे।

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