शिक्षा विभाग ने नहीं सुलझाए पेंडिंग केस

By: Jun 21st, 2018 12:01 am

किसी जिला से नहीं आई एक भी आपराधिक मामले की रिपोर्ट

शिमला — प्रदेश शिक्षा विभाग में 20 सालों से भी ज्यादा पेंडिंग पड़े मामलों को सुलझाने में उपनिदेशक नाकाम साबित हो रहे हैं। हैरानी की बात है कि 20 जून तक आपराधिक मामलों को निपटाने की एक भी रिपोर्ट निदेशालय नहीं पहुंच पाई, जबकि शिक्षा विभाग की ओर से कड़े निर्देश दिए गए थे कि जिलों से 20 जून तक स्टेटस रिपोर्ट आ जानी चाहिए कि कितने आपराधिक मामलों की फाइल जिला उपनिदेशक द्वारा बंद की गई। जानकारी के अनुसार उपनिदेशकों को आपराधिक और गबन मामलों को सुलझाने में इस वजह से दिक्कतें आ रही हैं, क्योंकि इतनी जल्दी हियरिंग व केस स्टडी करना आसान नहीं है। बताया जा रहा है कि उपनिदेशक राज्य सरकार से इन मामलों को निपटाने के लिए अतिरिक्त समय की मांग कर सकते हैं। हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से सख्ती से आदेश दिए गए हैं कि जो मामले खत्म हो चुके हैं या फिर जिस अधिकारी के खिलाफ मरने के बाद भी जांच चल रही है, उनकी फाइल फिलहाल बंद कर दी जाए। शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा है कि इन मामलों को निपटाने के लिए कार्य तो किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक जिलों से एक भी रिपोर्ट न आने से 225 से ज्यादा आपराधिक मामलों को 30 जून तक निपटाना किसी चुनौती से कम नहीं है। उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग ने जिलों से रिपोर्ट आने के बाद कंपाइल फाइल बनाकर 30 जून को राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपनी है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग को भी डर सताने लगा है कि वह 30 जून को सरकार को क्या रिपोर्ट सौंपेगा।

२० साल पहले के मामलों की मांगी रिपोर्ट

शिक्षा विभाग में बीस साल पहले से फाइलों में पोक्सो एक्ट, गबन के मामलों में किस आधार पर जांच की जा रही है, इसकी रिपोर्ट सरकार ने शिक्षा विभाग से मांगी है। इसके साथ ही यह भी जवाब मांगा गया है कि मरने के सालों बाद भी शिक्षा विभाग की फाइलों में बेवजह क्यों कार्रवाई चलाई गई है। वहीं, शिक्षा विभाग में जिस तेजी से सरकार के आदेशों के बाद जांच हो रही है उससे लगता है कि इन मामलों को निपटाने के लिए शिक्षा विभाग को और समय लग सकता है।


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