स्वच्छता के दूत बनकर शहर बनाया सुंदर

By: Jun 9th, 2018 12:05 am

घुमारवीं – कचरे की किचकिच से प्रदेशभर में बदनाम हो चुके घुमारवीं शहर की रिटायर्ड टीचर व रिटायर्ड डाक्टर ने तस्वीर बदल दी है। शहर को कचरा व गंदगी मुक्त करने के लिए गठित की क्लीन घुमारवीं-ग्रीन घुमारवीं संस्था के अध्यक्ष श्याम लाल तथा महासचिव डा. रमेश कुमार शर्मा स्वच्छता के दूत बनकर घर-घर जाकर सफाई का अलख जगा रहे हैं। पिछले कई महीनों से शहर को कचरा मुक्त करने में जुटे रिटायर्ड टीचर व रिटायर्ड डाक्टर काफी हद तक इसमें कामयाब भी हो गए हैं। जिसका नतीजा आज घुमारवीं शहर साफ-सुथरा दिखाई दे रहा है। स्कूलों में जाकर स्कूल मुखियों तथा वार्डों में जाकर लोगों से बैठकों का आयोजन किया। स्कूली बच्चों के साथ मिलकर रैलियां निकालकर लोगों को जागरूक किया। पंफलेट बांटकर तथा वाल राइटिंग से लोगों को स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं। लोगों को घरों तथा सभी स्कूलों में जाकर दो डस्टबिन लगाने के लिए प्रेरित किया। जिसमें एक डस्टबिन में सूखा तथा दूसरे में गीला कूड़ा रखने को प्रेरित किया। पंफलेट छपवाकर तथा दीवारों पर पेंटिंग करवाने के अलावा स्कूलों में जाकर बच्चों तथा वार्डों में घूमकर व शिविर लगाकर स्वच्छता का पाठ पढ़ाया। सुबह छह बजे से ही नगर परिषद के सफाई कर्मियों तथा कूड़ा उठाने वाली गाडि़यों के साथ घूमकर लोगों के घरों से कूड़ा वाहनों में रखवा रहे हैं। लोगों को दिक्कत व परेशानी होने पर उनका समाधान कर रहे हैं। जिसका नतीजा धीरे-धीरे घुमारवीं में दिखने लग गया है। अब घुमारवीं शहर पहले की अपेक्षा स्वच्छ व सुंदर दिखाई दे रहा है। कूड़े को ठिकाने लगाने के लिए नगर परिषद को कोई भी डंपिंग साइट नहीं मिल रही थी। भदसीं के समीप जहां पर नगर परिषद ने डंपिंग साइट चिन्हित की थी, वहां पर कूड़ा फेंकने पर लोग विरोध में उतर गए। जिससे शहर का कूड़ा ठिकाने लगाना नगर परिषद के लिए गले का फांस बन गया। घुमारवीं शहर में लगे कूड़े के ढ़ेर व गंदगी के अंबार का मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने भी इस पर कड़ा संज्ञान लिया। लेकिन, नगर परिषद के लिए इस कूड़े को ठिकाने लगाना जी का जंजाल बनता गया। जहां पर भी डंपिंग साइट की बात चलती, लोग विरोध में उतर जाते। शहर में कूड़े की समस्या दिन-प्रतिदिन विकराल होती गई। शहर को कचरा मुक्त करने के लिए सूखा व गीला कूड़ा अलग-अलग करने का प्लान बनाया गया। जिसमें सूखे कूड़े को नगर परिषद कर्मी बंडल बनाकर एसीसी फैक्टरी भेज रहे हैं। जबकि गीले कूड़े को सूअर फार्म भेजा जा रहा है। इससे शहर में लगे गंदगी के अंबार अब छंट गये हैं। घुमारवीं शहर अब पहले की अपेक्षा स्वच्छ व सुंदर दिखाई देने लगा है।

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