हिमाचल में 35 लाख रुपए की हेराफेरी
नालागढ़ में फर्जी ट्रांजेकशन से 19 लाख का सामान हड़पा
बीबीएन — नालागढ़ में फर्जी बैंक ट्रांजेक्शन दिखाकर डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा 19 लाख के माल पर हाथ साफ करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने कंपनी के सेल्ज अफसर की शिकायत के आधार पर 420,120 बी के तहत जालसाजी का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक पुलिस थाना नालागढ़ में ग्लोबस इंडस्ट्रीज एंड सर्विसेज लिमिटेड फाजिल्का के सेल्ज आफिसर वरिंद्र शर्मा निवासी भटोलियां कलां ने शिकायत दर्ज करवाई कि उसने नालागढ़ में मैसर्ज केइले इंटरप्राइजिज को अपना डिस्ट्रीब्यूटर बनाया था, जिसके लिए जरूरी औपचारिकताएं की गई थी। उस दौरान जगदीप के साथी विशाल अरोड़ा और सजिंद्र शर्मा भी मौजूद थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि उक्त डिस्ट्रीब्यूटर के कहने पर कंपनी ने 1944485 रुपए का माल नालागढ़ भेज दिया , जिसकी पेमेंट के एवज में डिस्ट्रीब्यूटर ने कंपनी को पांच जून को हिमाचल ग्रामीण बैंक से 18 लाख का एनईएफटी का मैसेज भेजा, लेकिन इन्हें पैमेंट रिसीव नहीं हुई। जब सेल्ज अफसर ने आठ जून को विशाल व सजिंद्र शर्मा से फोन पर संपर्क किया तो इन्होंने अपना मोबाइल बंद कर दिया। उसके बाद सेल्ज अफसर जांच पड़ताल के लिए नालागढ़ हिमाचल ग्रामीण बैंक की शाखा में पहुंचे और छानबीन की तो पता चला कि एनईएफटी के भेजे गए मैसेज में यूटीआर नंबर गलत था। डीएसपी नालागढ़ अनिल वर्मा ने बताया कि पुलिस ने जालसाजी का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
68 स्कूलों ने वोकेशनल ट्रेनिंग के नाम पर 16 लाख का किया घोटाला
शिमला— प्रदेश शिक्षा विभाग में एक ओर नया कारनामा सामने आया है। विभाग में वोकेशनल ट्रेनिंग के नाम पर 16 लाख के फर्जी बिल स्कूलों द्वारा भेजे गए हैं। बता दें कि राज्य के 68 स्कूलों में छात्रों को वोकेशनल ट्रेनिंग करवाने के नाम पर फर्जी बिल बना दिए गए और शिक्षा विभाग को बजट देने के लिए भेज दिए। सूत्रों के अनुसार प्रदेश के अलग – अलग जिलों से आए इन बिलों में बताया गया है कि छात्रों को वोकेशनल ट्रेनिंग के लिए विभिन्न जगहों पर ले जाया गया जहां उन्हें ओटो मोबाइल बनाना ओर एग्रीकल्चर से संबधित प्रैक्टिकल के रूप में छात्रों को विषय समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन बताया जा रहा है कि छात्रों को कहीं भी ट्रेनिंग के लिए नहीं ले जाया गया। शिक्षा विभाग के पास आई स्कूलों की रिपोर्ट में 68 ऐसे स्कूलों की सूची शिक्षा विभाग ने बनाई है, जिनसे वे संतुष्ट नहीं है। शिक्षा विभाग ने 68 स्कूलों की अलग से सूची तैयार कर दी है ओर इन स्कूलों की जांच को लेकर भी कसरत शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग ने जांच कमेटी भी तैयार कर दी है। बताया जा रहा है कि 16 लाख के फर्जी बिल बनाने में कांगड़ा जिला सबसे आगे है। उसके बाद मंडी , सोलन, बिलासपुर, चंबा, सिरमौर, कांगड़ा, सिरमौर, ऊना, के स्कूल शामिल है। शिक्षा विभाग की ओर से तैयार की गई 68 स्कूलों की फाइल राज्य सरकार के पास भी सौंप दी गई है। बताया जा रहा है कि फर्जी बिल देने वाले स्कूल प्रबंधन ने छात्रोंं को किसी भी वोकेशनल ट्रेनिंग में शामिल नहीं किया। सोमवार को 68 स्कूलों की फर्जीबाड़े की फाइल पर संयुक्त निदेशक सोनिया ठाकुर की अध्यक्षता में अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई जिसमें संयुक्त निदेशक ने संबधित अधिकारियों को हर जिले के स्कूलों में जाकर इनकी जांच के आदेश दिए।
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