अब जनता देखेगी अदालती कार्रवाई
दलीलों से लेकर आदेश तक, पूरी प्रक्रिया के लाइव प्रसारण की तैयारी
नई दिल्ली— केंद्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि देश भर में अदालती कार्रवाई का सीधा प्रसारण किया जा सकता है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सभी पक्षकारों से कहा कि वे अदालत की कार्रवाई के सीधे प्रसारण के लिए दिशा निर्देश तैयार करने के बारे में अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल को अपने सुझाव दें। शीर्ष अदालत ने तीन मई को न्यायिक कार्रवाई के सीधा प्रसारण, वीडियो रिकार्डिंग या लिप्यांतरण के बारे में केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। अटार्नी जनरल ने इससे पहले न्यायालय से कहा था कि अदालती कार्रवाई का सीधा प्रसारण दुनिया के अनेक देशों में एक स्वीकार्य परंपरा है। शीर्ष अदालत ने न्यायिक कार्रवाई में पारदर्शिता लाने के इरादे से पिछले साल प्रत्येक राज्य की निचली अदालतों और न्यायाधिकरणों में सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने यह निर्देश कानून की छात्र स्वपनिल त्रिपाठी की याचिका पर दिया था। इस याचिका में शीर्ष अदालत में परिसर में ही सीधे प्रसारण के कक्ष स्थापित करने और कानून की पढ़ाई कर रहे इंटर्न की इस तक पहुंच उपलब्ध कराने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया था।
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