आदि विनायक मंदिर

By: Jul 7th, 2018 12:10 am

वैसे तो सभी मंदिरों में भगवान गणेश के गजमुख स्वरूप की प्रतिमा स्थापित की जाती है, पर दक्षिण भारत में स्थित एक मंदिर इसका अपवाद है। यह है तमिलनाडु में स्थित आदि विनायक मंदिर, जहां भगवान गणेश का चेहरा इनसान स्वरूप में है। यह दुनिया का एकमात्र मंदिर है, जहां भगवान गणेश गजमुखी न होकर इनसान स्वरूप में हैं। यह ऐसा एकमात्र गणेश मंदिर भी है, जहां लोग अपने पितों की शांति कराने के लिए पूजन करने आते हैं। यहां की लोक मान्यता है कि इस जगह पर भगवान श्रीराम ने भी अपने पूर्वजों की शांति के लिए पूजा की थी। जिस परंपरा के चलते आज भी कई भक्त अपने पूर्वजों की शांति के लिए यहां पूजा करने आते हैं। तमिलनाडु में मौजूद ये मंदिर भले ही बहुत भव्य न हो, लेकिन यह अपनी इस खूबी के लिए जाना जाता है। सामान्यतः पितृदोष के लिए नदियों के किनारे तर्पण की विधि की जाती है, लेकिन इस मंदिर की खूबी के कारण इस जगह का नाम ही तिलतर्पण पुरी पड़ गया है। इस मंदिर के कारण यहां दूर-दूर से लोग अपने पितों के निमित्त पूजन कराने आते हैं।

कहां स्थित है मंदिर –तमिलनाडु के कुटनूर से लगभग दो किमी. की दूरी पर तिलतर्पण पुरी नाम की एक जगह है, यहीं पर भगवान गणेश का यह आदि विनायक मंदिर है।

क्या होता है तिलतर्पण पुरी का अर्थ – इस जगह का नाम तिलतर्पण पुरी पड़ने के पीछे एक खास कारण है। तिलतर्पण पुरी शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला तिलतर्पण और दूसरा पुरी। तिलतर्पण का अर्थ होता है, पूर्वजों को समर्पित और पुरी का अर्थ होता है शहर, यानी इस जगह का मतलब ही है पूर्वजों को समर्पित शहर है।

भगवान शिव का मंदिर – कूटनूर में सरस्वती मंदिर है, जिसे कवि ओट्टकुठार ने बनवाया था। यहां आने वाले भक्त सरस्वती मंदिर के दर्शन किए बिना नहीं जाते हैं। मंदिर परिसर में भगवान शिव का भी मंदिर बना है। इस मंदिर से बाहर निकलते ही श्रीगणेश का नरमुखी मंदिर स्थित है।


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