इटली से पौधे नहीं खरीदेगी हिमाचल सरकार

By: Jul 31st, 2018 12:06 am

बागबानी परियोजना के तहत लाखों से होने वाली खरीद पर लगाई रोक, पिछली सरकार के एमओयू को रद्द करने का लिया फैसला

शिमला— सियासी अखाड़ा बनी बागबानी परियोजना के पौधे राज्य सरकार इटली से नहीं खरीदेगी। सात लाख से ज्यादा पौधों की इस खरीद पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी है। वीरभद्र सरकार में हुए इस एमओयू को निरस्त करने का फैसला लिया है। इसके अलावा वायरस वाले करोड़ों के पौधों के आबंटन पर भी पाबंदी लगा दी है। बागबानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित 1134 करोड़ के बागबानी प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक में कई कड़े फैसले लिए गए हैं। इसके तहत बागबानी प्रोजेक्ट में महंगे पौधों की खरीद और इनमें बीमारी फैलने के मामले को लेकर सरकार ने स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो को जांच की सिफारिश की है। समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि इस प्रोजेक्ट में बागबानों को लाभ देने के लिए क्लस्टर की दस हेक्टेयर की शर्त को हटा दिया जाएगा। इसके तहत छोटे-छोटे भूखंड में भी क्लस्टर स्थापित हो सकेंगे। समीक्षा बैठक में प्रदेश के बागबानों को बागबानी प्रोजेक्ट के तहत पहले के मुकाबले आधे दाम पर पौधे आबंटित करवाने का बड़ा फैसला लिया गया है। जाहिर है कि बागबानी परियोजना अपनी स्थापना से पहले ही विवादों में रही है।  बताते चलें कि इटली से सेब के 7,55,250 पौधे 400 रुपए प्रति पौधा आयातित किए गए हैं। समीक्षा बैठक में बागबानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि बागबानों को इतने महंगे पौधे उपलब्ध करवाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बागबानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से 50 प्रतिशत का उपदान देकर प्रति पौधा 200 रुपए की दर से प्रदान करने का निर्णय लिया है।  उन्होंने कहा कि परियोजना के अंतर्गत तैयार किए जाने वाले किसी भी प्रस्ताव पर परियोजना निदेशक फैसला नहीं ले सकता, बल्कि इसे राज्य सरकार को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने विभाग को परियोजना का पुनः ऑडिट करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने पौधरोपण के लिए  निश्चित 10 एकड़ के क्लस्टर की शर्त को हटाने के लिए विभाग को प्रस्ताव तैयार करने को कहा, क्योंकि प्रदेश की भौगोलिक स्थितियों के अनुरूप ये शर्त अव्यवहारिक है।  बैठक में अवगत करवाया गया कि लगभग 3.34 लाख पौधे विभिन्न नर्सरियों में तैयार हैं, जो दिसंबर अथवा जनवरी महीनों में लगाए जाने हैं। मंत्री ने अधिकारियों से बागबानों से पौधों की मांग की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।

पाई-पाई का सदुपयोग करें अधिकारी

बागबानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने धीमी गति से चल रहे परियोजना के कार्य पर असंतोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने दायित्वों तथा संबंधित कार्यों के निष्पादन में तेजी लाएं। सभी प्रकार की डीपीआर को समयबद्ध तैयार कर जल्द से अन्य सभी औपचारिकताओं को भी पूरा करें।  परियोजना क एक-एक पैसे का सही ढंग से उपयोग होना चाहिए तथा प्रगति व परिणाम ज़मीनी स्तर पर दिखने चाहिए।

परियोजना फिर सुर्खियों में…

बागबानी परियोजना को लाने में हिमाचल के प्रशासनिक अधिकारी जेसी शर्मा ने उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। इस परियोजना को लेकर जेसी शर्मा वीरभद्र सरकार के निशाने पर रहे थे। हालांकि जांच में उन्हें क्लीन चिट मिली थी। अब समीक्षा बैठक में मामला विजिलेंस को सौंपने के कारण यह परियोजना फिर सुर्खियों में आ गई है।


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