जब तक अदालत डंडा न चलाए सोए रहते हैं अधिकारी-कर्मचारी

By: Jul 7th, 2018 12:08 am

धर्मशाला में अवैध निर्माण के खिलाफ कोताही बरतने पर हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

शिमला— हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों का वेतन रोकने की चेतावनी दी है, जो काम नहीं करते। बिना आदेश हुए ये अधिकारी व कर्मचारी खुद काम नहीं करते हैं और कुंभकर्णी नींद में सोए रहते हैं। हाई कोर्ट ने धर्मशाला नगर निगम क्षेत्र में अवैध कब्जों के मामलों को लेकर शुक्रवार को अपनी सख्त टिप्पणी में यहां तक कह दिया कि ऐसे लोगों का वेतन रोका जाना चाहिए। हालांकि वेतन रोकने के आदेश हाई कोर्ट ने नहीं किए हैं, परंतु सरकार और धर्मशाला नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त टिप्पणी जरूर की। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने कहा कि आदेश होने के बाद ही राज्य सरकार के अधिकारी व कर्मचारी कुभकर्णी नींद से जागते हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोएल की खंडपीठ ने अपने आदेशों में कहा कि जब कोर्ट से आदेश दिए जाते हैं तो ही सरकारी कर्मचारी और अधिकारी काम करते हैं, वह भी उदासीनता के साथ। खंडपीठ ने अपने आदेशों में कहा कि अदालत उन सभी अधिकारियों का वेतन रोके जाने का आदेश पारित करना चाहती है, लेकिन राज्य सरकार के महाधिवक्ता के आश्वासन दिए जाने के बाद अदालत आज ऐसे आदेश पारित नहीं कर रही। महाधिवक्ता ने अदालत को आश्वासन दिया कि जिन अधिकारियों के कार्यकाल में धर्मशाला और इसके आसपास अवैध निर्माण हुआ है, उनके खिलाफ तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी। खंडपीठ ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि यदि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो उस स्थिति में संबंधित सचिव का वेतन रोक दिया जाएगा। अदालत ने निदेशक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और नगर निगम आयुक्त धर्मशाला को आदेश दिए कि वे दो दिनों के भीतर कनिष्ठ अभियंता और इससे ऊपर के ओहदे वाले सभी अधिकारियों के नाम अदालत को बताएं, जो वर्ष 2010 के बाद नगर निगम धर्मशाला की परिधि में तैनात किए गए थे। मामले की सुनवाई आगामी 30 जुलाई को निर्धारित की गई है। ज्ञात रहे कि हाई कोर्ट ने निदेशक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को पूरे रिकार्ड के साथ शुक्रवार को अदालत के समक्ष तलब किया था। रिकार्ड का अवलोकन करने के पश्चात अदालत ने सचिव टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को आदेश दिए कि वह अपना निजी शपथपत्र दायर कर अदालत को बताएं कि किन कारणों से कोर एरिया लैंड को मिक्स लैंड यूजर में तब्दील किया गया। सचिव को यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि कोर एरिया लैंड को मिक्स लैंड यूजर में तब्दील करते समय क्या इस बात का ध्यान रखा गया कि धर्मशाला भूकंप के प्रति संवेदनशील है। हाई कोर्ट ने विदेशी महिला अब्दुला गजाला द्वारा मुख्य न्यायाधीश के नाम पत्र लिख कर मक्लोडगंज में हो रहे पेड़ों के अवैध कटान पर संज्ञान लेने वाली याचिका पर उक्त आदेश पारित किए। विदेशी महिला अब्दुला गजाला ने मुख्य न्यायाधीश के नाम पत्र लिख कर मक्लोडगंज में हो रहे पेड़ों के अवैध कटान के बारे में अवगत करवाया था। इसी मामले में अदालत को सीडी के साथ एक शिकायत पत्र भेजा गया, जिसमें कहा गया है कि अदालती आदेशों के बावजूद इस इलाके में पेड़ काटे जा रहे हैं।


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