जेबीटी भर्ती…शुरू होने से पहले ही विवाद

By: Jul 10th, 2018 12:10 am

मंडी —प्रदेश में अभी जेबीटी भर्ती को लेकर प्रक्रिया शुरू होते ही भर्ती प्रक्रिया फिर से विवादों में घिर गई है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा जेबीटी भर्ती जिला कैडर होने के बावजूद स्टेट कैडर के तहत भरी जा रही है। जेबीटी की बैचवाइज भर्ती को लेकर सोमवार को काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन विभाग द्वारा जेबीटी जिला कैडर होते हुए अन्य जिला के अभ्यर्थियों को भी काउंसिलिंग में शामिल किया जा रहा है, जिसके चलते विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर से प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं। मंडी में काउंसिलिंग में हिस्सा लेने आए अ यर्थियों ने विभाग की कार्यप्रणाली पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि लंबे समय से भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन विभाग द्वारा जिला कैडर होते हुए भर्ती में अन्य जिला के अभ्यर्थियों को शामिल करने से आरपी एंड को दरकिनार किया जा रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि विभाग के इस गलत निर्णय के चलते जेबीटी प्रशिक्षण लेने के बाद भी बेरोजगार बन कर रह गए हैं। यहीं नहीं, विभाग द्वारा बैच आधार पर की जा रही भर्ती में सभी टेट पास जेबीटी अभ्यर्थियों को बुलाकर उनका समय बर्बाद किया जा रहा है।

नहीं हो सकता कोई भी भेदभाव

इस बारे में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जम्बाल का कहना है कि प्रदेश में जेबीटी जिला कैडर है,  लेकिन भर्ती के दौरान दूसरे जिला के अभ्यर्थियों से भेदभाव नहीं किया जा सकता, इसलिए विभाग द्वारा जेबीटी भर्ती में दूसरे जिला के अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में शामिल होने का मौका दिया जा रहा है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट, प्रदेश उच्च न्यायालय व प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के भी आर्डर हैं, जिसके तहत प्रदेश में जेबीटी भर्ती की जा रही है।

जेबीटी का जिला कैडर क्यों नहीं

प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा टीजीटी व सी एंड वी शिक्षकों की भर्ती जिला कैडर पर भरी जाती है और बैचवाइज भर्ती में सिर्फ संबंधित जिला के अभ्यर्थी ही हिस्सा लेते हैं लेकिन जेबीटी भर्ती में नियत होते हुए भी शिक्षा विभाग जबरन स्टेट कैडर बनाने में तुला हुआ है।

अन्य को बुलाना सरासर गलत

बेरोजगार जेबीटी संघ के वरिष्ठ उपप्रधान राकेश कश्यप का कहना है कि विभाग द्वारा बैचवाइज जेबीटी भर्ती में जिला कैडर होने के बावजूद अन्य जिला के अभ्यर्थियों को शामिल करना सरासर गलत है। माननीय प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा भी जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर मातृ भाषा का जिक्र करते हुए जिला कैडर से करवाने का फैसला सुनाया है।

उच्च न्यायालय ने भी जिला को दी है तरजीह

माननीय प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा भी वर्ष 1992 व 2017 में जेबीटी भर्ती को जिला कैडर रखने का फरमान सुनाया है। बावजूद शिक्षा विभाग आर एंड पी में जिला कैडर होने के बाद भी स्टेट कैडर बनाने में तुला हुआ है। जेबीटी अभ्यर्थी अब इस दुविधा में है कि वे अपने जिला को छोड़कर अन्य जिला में होने वाली काउंसिलिंग में हिस्सा लें या नहीं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर मातृ भाषा पर फोकस किया गया है।

प्राथमिक शिक्षक संघ ने किया विरोध

राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने जेबीटी को जिला कैडर होते हुए अन्य जिलों के अभ्यर्थियों को शामिल करने पर विरोध जताया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष जीएस बेदी, मंडी के जिलाध्यक्ष प्रेम सिंह ठाकुर व महासचिव रमेश चौहान ने कहा है कि जेबीटी शिक्षक के लिए स्थानीय बोलियों व रीति-रिवाजों की जानकारी होना जरूरी है, जिससे वे नौनिहालों को उन्हें स्थानीय बोली का सहारा लेकर बेहतर ढंग से शिक्षण करवा सके। उन्होंने कहा कि अगर दूसरे जिला के अभ्यर्थी जेबीटी नियुक्त होते हैं तो वे स्थानीय बोली व रीति-रिवाजों से अनजान होंगे।


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