टीएमसी ने जाना दिल का दर्द
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के ट्रेनर ने ट्रेंड किए 152 डाक्टर
हमीरपुर— इनसान की मौजूदा दिनचर्या और उसके बिगड़े खान-पान ने बीपी, शूगर, हाइपरटेंशन और कैंसर जैसे कई जानलेवा रोगों को दावत दे दी है। इनमें दिल का रोग यानी हार्ट अटैक एक ऐसा जानलेवा रोग है, जिसमें कई बार मरीज को संभलने का मौका नहीं मिलता। हार्ट अटैक के मरीजों की लाइफ को डाक्टरों की गैर मौजूदगी में कैसे कुछ सांसें और ऐड की जाएं, इसके लिए प्रदेश के दूसरे बड़े मेडिकल कालेज डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा में डाक्टरों समेत पैरामेडिकल स्टाफ को एक विशेष ट्रेनिंग दी गई। इसमें बताया गया कि अगर मौके पर डाक्टर, विशेषज्ञ न हो तो कैसे हार्ट अटैक से तड़प रहे मरीज की जिंदगी को बचाया जाए। दिल्ली स्थित मेदांता अस्पताल में सेवाएं देने वाले अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के ट्रेनर ने टीएमसी के 152 लोगों को यह ट्रेनिंग दी। इसमें डाक्टरों के अलावा पेरामेडिकल स्टाफ के लोग भी मौजूद रहे। बताते हैं कि इनमें नर्सेज को भी शामिल किया गया था। बताते हैं कि छह दिन तक स्किल सेंटर टांडा में करवाई गई इस ट्रेनिंग में पांच से छह लोगों की टीमें बनाई गई थीं, जिसमें डाक्टर के अलावा नर्स, फार्मासिस्ट और टेक्निशियन को भी शामिल गया गया था। वहीं हर माह प्रदेश के अस्पतालों में करीब 250 मरीज हार्ट अटैक के सामने आते हैं। इनमें डेथ रेट की बात की जाए तो 100 में से सात लोगों की हार्ट अटैक के कारण मौत हो जाती है। वहीं डा. भानू अवस्थी प्रिंसीपल डा. आरपीजीएमसी टांडा ने बताया कि अस्पताल में किसी भी समय कोई मरीज पहुंचता है तो मौके पर मौजूद स्टाफ डाक्टर के आने का इंतजार न करे, बल्कि तुरंत उसे बेसिक लाइफ स्पोर्ट दे। इसके लिए छह दिन स्पेशल टे्रेनिंग स्टाफ को करवाई गई, जो कि आगे भी करवाई जाएगी।
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