डेंटल कालेज में फीस पर बवाल
शिमला —शिमला स्थित डेंटल कालेज की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालियां घेरे में आई है। डेंटल कालेज के छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ मनमाने ढंग से वसूली जा रही फीस को लेकर मोर्चा खोल दिया है। डेंटल कालेज की सीएससीए के अध्यक्ष अनिल आज्टा ने शिमला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कालेज प्रशासन की ओर से वर्ष 2017 से बीडीएस के छात्रों से सप्लीमेंटरी की फीस 2000 ली जा रही है, जबकि आईजीएमसी में एमबीबीएस कर रहे छात्रों से रि-अपीयर के 1000 रुपए ही लिए जा रहे है। अनिल आज्टा ने आरोप लगाया कि डेंटल कालेज में छात्रों से सप्लीमेंटरी की ली जा रही एक्स्ट्रा फीस एक बड़ा घोटाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि कालेज प्रशासन सप्लीमेंटरी फीस में 1000-1000 रुपए अलग-अलग रूप से छात्रों से ले रहे है, जिसमें से एक हजार तो साफ हो गया कि रिअपीयर का है, लेकिन दूसरी बार हजार रुपए क्यों ले रहे है इस पर कोई भी पक्ष प्रशासन नहीं रख पाए है। अनिल आज्टा ने कहा कि डेंटल कालेज में वसूली जा रही एक्स्ट्रा फीस की जब आरटीआई मांगी गई तो उसमें सामने आया कि छात्रों से सप्लीमेंटरी के नाम से ली जा रहे अतिरिक्त हजार रुपए आरकेएस के खाते में जा रहे है। हैरानी की बात है कि कालेज में पढ़ रहे छात्रों की सप्लीमेंटरी की फीस से आरकेएस के खाते में किस आधार पर हर साल बजट जा रहा है। शिमला के डेंटल अस्पताल में आया यह मामला काफी हैरत अंगेज है। छात्रों से चार सालों से हजार रुपए आरकेएस के नाम पर वसूले तो जा रहे, लेकिन उसका इस्तेमाल कहां हो रहा है इसका जवाब देने में सभी असमर्थ है। डेंटल कालेज की सीएससीए के अध्यक्ष ने आरटीआई के सबूतों के साथ कालेज प्रशासन पर हजार रुपए एक्स्ट्रा फीस वसूलने के पुख्ता आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर उन्होंने कई बार कालेज प्रशासन और सरकार, स्वास्थ्य मंत्री को भी पत्र लिखा है।
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