पानी बचाने में पिछड़े स्कूल    

By: Jul 7th, 2018 12:05 am

ऊना —जल ही जीवन है, इसे सहेज कर रखें। सरकारी स्कूलों में यह कहावत नौनिहालों को बताकर उस पर अमल करने को लेकर कहा जाता है, लेकिन स्वयं सरकारी स्कूल ही इस कहावत को चरितार्थ करने में पिछड़ गए हैं। शिक्षा विभाग ऊना के अंतर्गत सरकारी स्कूल वर्षा जल संग्रहण टैंक बनाने में फिसड्डी साबित हुए हैं। जबकि पिछले करीब दस साल से स्कूलों के लिए जिला विकास अभिकरण की ओर से वर्षा जल संग्रहण टैंक बनाने के लिए बजट भी स्वीकृत है, लेकिन सरकारी स्कूलों ने इस बजट का साकारात्मक प्रयोग करना मुनासिब नहीं समझा है। शिक्षा विभाग के अंतर्गत वर्ष 2008 से 2014 तक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला और राजकीय उच्च पाठशाला को जिला विकास अभिकरण की ओर से वर्षा जल संग्रहण टैंक के लिए बजट स्वीकृत किया गया था। अब तक 136 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, 47 राजकीय उच्च विद्यालय में वर्षा जल संग्रहण टैंक का कार्य पूरा किया जा चुका है। जबकि शिक्षा विभाग तहत करीब साढ़े सात सौ स्कूल हैं। पेयजल महत्त्व को समझते हुए सरकार की ओर से स्कूलों में भी वर्षा जल संग्रहण टैंक बनाने के लिए बजट प्रावधान किया था, ताकि बारिश के पानी का भी सदुपयोग किया जा सके। कई सरकारी स्कूलों ने इसमें अपनी रुचि नहीं दिखाई है। इसके चलते अब इन संबधित स्कूलों को वर्षा जल संग्रहण टैंक बनाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई स्कूल समय पर निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उस स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं, अन्य स्कूलों में वर्षा जल संग्रहण टैंक के निर्माण के लिए बजट संबधित विकास खंड अधिकारी अंब, बंगाणा, ऊना, गगरेट के पास है। आज तक यह बजट खर्च नहीं हुआ है। इसके चलते स्कूलों को वर्षा जल संग्रहण टैंक का निर्माण करवाने के निर्देश दिए गए हैं। यह बजट स्कूलों को सेल्फ स्कीम के तहत स्वीकृत हुआ है। यह बजट स्कूलों द्वारा खर्च नहीं हो पाया है। बहरहाल, सभी स्कूलों को सख्त हिदायत दी गई है।

 


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