पावर प्रोजेक्टों को 800 करोड़ की दरकार
नगथान समेत ट्रांसमिशन लाइनों के लिए बजट की जरूरत, केंद्र से मांगी मंजूरी
शिमला—पार्वती वैली में एक बड़े पावर प्रोजेक्ट समेत दूसरे प्रोजेक्टों की ट्रांसमिशन लाइनें तैयार करने के लिए हिमाचल को 800 करोड़ रुपए की दरकार है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह मंजूरी दे, ताकि वर्ल्ड बैंक इन प्रोजेक्टों को फंडिंग करे। हाल ही में केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह को हिमाचल ने इस संबंध में आग्रह किया है कि वह जल्द से जल्द मंत्रालय के जरिए इन परियोजनाओं को मंजूरी दें, ताकि वर्ल्ड बैंक से पैसा मिल सके। वर्ल्ड बैंक से पहले ही इस संबंध में बातचीत हो चुकी है, जो कि हिमाचल को पैसा देने के लिए तैयार है। इसमें केंद्र सरकार की मंजूरी आवश्यक है, लिहाजा प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस संबंध में आग्रह किया है। नगथान परियोजना पार्वती नदी पर प्रस्तावित है, जिसकी फिजीबिलिटी रिपोर्ट और सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार है। लंबे समय से यह प्रोजेक्ट फंडिंग के लिए इंतजार में है। एडीबी ने पावर कारपोरेशन को चार अन्य परियोजनाओं को तैयार करने के लिए पैसा दे रखा है, जिनसे नगथान की बात भी हो रही थी, परंतु इसके लिए वहां से फंडिंग नहीं हो पाई। ऐसे में विश्व बैंक के साथ बातचीत की गई, जो पैसा देने के लिए तैयार है, मगर केंद्र सरकार से मंजूरी की औपचारिकता शेष रह गई हैं। केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री ने प्रदेश सरकार को आश्वस्त किया है कि वह जल्द ही इस पर कदम उठाएंगे। प्रदेश सरकार ने बिजली प्रोजेक्ट के साथ-साथ ट्रांसमिशन लाइनों का प्रोेजेक्ट भी जोड़ा है, जिसके लिए कुल 800 करोड़ रुपए की जरूरत है। कुल्लू घाटी में जो पावर प्रोजेक्ट हैं, उनकी बिजली को यहां से बाहर निकालने के लिए ट्रांसमिशन मास्टर प्लान पर काम किया जा रहा है, परंतु कुछ लाइनें ऐसी हैं, जिनको उसमें शामिल नहीं किया जा सका। एक तरफ पावर कारपोरेशन के ये प्रोजेक्ट हैं वहीं दूसरी तरफ बिजली बोर्ड के भी कुल्लू की पार्वती नदी पर कुछ प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं। विश्व बैंक उपरोक्त प्रोजेक्टों को पैसा देता है तो बिजली बोर्ड की परियोजनाओं का रास्ता भी खुल जाएगा। यहां रन ऑफ दि रिवर प्रोजेक्ट बनाने का विचार है।
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