पूर्व सैनिकों की वरिष्ठता के खिलाफ हुए शिक्षक

By: Jul 20th, 2018 12:01 am

हमीरपुर— प्रदेश पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ ने पूर्व सैनिकों के वरिष्ठता से संबंधित 25 वर्ष बाद सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय को लागू करने में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की है। संघ की कोर कमेटी के अध्यक्ष केवल ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष रत्नेश्वर सलारिया, महामंत्री यशवीर जम्वाल ने कहा कि उक्त वरिष्ठता की जंग की लड़ाई में विभिन्न अध्यापक संगठन 1992 में प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में गए थे। वर्ष 1997 में अन्य विभागों के कर्मचारी भी इस जंग में शामिल हुए। वर्ष 2008 में उच्च न्यायालय ने पूर्व सैनिकों को दी जाने वाली इस वरिष्ठता को असंवैधानिक करार दिया था। 25 अगस्त, 2017 को सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के निर्णय को वैध ठहराते हुए इस वरिष्ठता को एक बार फिर असंवैधानिक करार दिया। इसके एक वर्ष बाद भी सरकार इस निर्णय को पूर्णतया लागू नहीं कर रही है। संघ का कहना है कि सैनिकों को उनकी सेवाकाल के दौरान दी जाने वाली हर सुविधा कि हम वकालत करते हैं, लेकिन सेवानिवृत्ति के पश्चात सिविल सेवा में उन्हें दी जाने वाली असंवैधानिक वरिष्ठता के खिलाफ है। संघ के पदाधिकारियों संजीव शर्मा, कमल किशोर शर्मा, प्रदीप धीमान, मोहनलाल, दर्शन लाल, राकेश कुमार, कलित पुरी, मनोज कुमार का कहना है कि उक्त निर्णय को लागू करवाने के लिए संघ अन्य अध्यापक संगठनों के साथ मिलकर जिलाधीश के माध्यम से सीएम को ज्ञापन देंगे।


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