प्रदेश से रूठे मेहमान, इस बार दो लाख कम सैलानी

By: Jul 19th, 2018 12:14 am

धर्मशाला— देवभूमि के पर्यटन कारोबार पर इस बार बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है। पिछले साल की अपेक्षा इस बार करीब दो लाख से अधिक मेहमान  हिमाचल में कम पहुंचे हैं। राज्य में इस बार जल संकट सहित होटलों का बिजली-पानी के कनेक्शन कटने से ऐसे हालात बने कि पर्यटकों ने देवभूमि से मुख मोड़ लिया और दूसरी दिशा में मुड़ गए। ऐसा पहली बार हुआ है, जब पर्यटन राज्य की ओर अग्रसर हिमाचल को इतना बड़ा झटका लगा हो।  सैलानियों के यहां आने की यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हिमाचल में पर्यटकों की आवक का आंकड़ा अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। देवभूमि में आने वाले मेहमानों को सुविधाएं देने के लिए सरकार व प्रशासन के साथ-साथ लोग भी नहीं जागे तो आने वाले समय में हालात और बिगड़ सकते हैं। राज्य में नियमों को ताक पर रखकर चल रहे पर्यटन कारोबार पर जब शिकंजा कसा और उन्हें नियमों में बांधने के प्रयास हुए तो सैकड़ों कारोबारी डिफाल्टर निकले। ऐसे लोगों को हाई कोर्ट के आदेश पर जब नियम पूरा करने को कहा तो वे कर नहीं पाए। जब इनकी बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए और सोशल मीडिया सहित मीडिया पर राजधानी शिमला में पेयजल संकट के समाचार सुर्खियां बने तो पर्यटकों ने यहां से मुख मोड़ लिया। भले ही संकट इतना अधिक न हो, लेकिन सोशल मीडिया पर जल संकट व होटल न मिलने की जो खतरानाक साजिश चली और अब उसके हैरतअंगेज परिणाम सामने आ रहे हैं। हालांकि  उस समय ही  यह अंदाजा लगाया जा रहा था, जब मकलोडगंज जैसे स्थान पर न तो पर्यटकों की आवक से वाहनों के पहिए जाम हुए और न ही पर्यटकों की भीड़ शहरों से गांव में बने गेस्ट हाउस तक पहुंची। हालांकि राज्य के प्रमुख स्थलों में भले ही सैकड़ों होटलों के बिजली-पानी के कनेक्शन कट गए थे, लेकिन इस बार वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में टैंट कारोबार भी बड़े स्तर पर उभर कर सामने आया है, जहां सैलानियों के ठहरने के माकूल प्रबंध किए गए थे। बावजूद इसके पर्यटकों की संख्या में सीधे दो लाख की बहुत बड़ी गिरावट चौंकाने वाली है। यह पर्यटन राज्य की ओर अग्रसर हिमाचल के लिए खतरे की घंटी है।

वर्ष 2015 से अब तक

वर्ष 2015 से अब तक के पर्यटन सीजन के आंकड़ों को देख कर हर कोई दंग है। वर्ष 2015 से 2018 के पीक सीजन यानी अप्रैल, मई और जून में यहां पहुंचे सैलानियों के आंकड़ों में पहली बार बहुत बड़ा अंतर दर्ज किया गया है। वर्ष 2015 में 779273 देशी और 38541 विदेशी सैलानी यहां पहुंचे थे, जबकि वर्ष 2016 में यह संख्या बढ़कर 824566 देशी और 41388 विदेशी मेहमानों की हो गई थी। इसी तरह वर्ष 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 873117 भारतीय और 45211 विदेशी सैलानी पहुंच गया था, जबकि वर्ष 2018 में बड़ी गिरावट के साथ 677420 भीरतीय और 39342 विदेशी मेहमान यहां पहुंच पाए।


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