प्राकृतिक आपदा को इनसान खुद जिम्मेदार

By: Jul 30th, 2018 12:04 am

‘मन की बात’ में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 46वें ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित किया। कार्यक्रम की शुरुआत में दिवंगत प्रसिद्ध कवि नीरज को श्रद्धाजंलि देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दिनों हमारे देश के प्रिय कवि नीरज जी हमें छोड़कर चले गए। नीरज जी की एक विशेषता रही थी, आशा, भरोसा, दृढ़संकल्प, स्वयं पर विश्वास हर बात प्रेरणा दे सकती है। मैं नीरज जी को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। पिछले दिनों थाइलैंड में बच्चों को गुफा से सुरक्षित बाहर निकालने  का जिक्र अपने संबोधन में करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों एक प्राकृतिक आपदा की घटना ने पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया। थाईलैंड में 12 किशोर फुटबाल खिलाडि़यों की टीम और उनके कोच भारी बारिश के कारण गुफा के अंदर 18 दिनों तक एक छोटे से टीले पर रुके रहे। एक तरफ वे संकट से जूझ रहे थे, तो दूसरी तरफ पूरे विश्व में मानवता एकजुट होकर के ईश्वरदत्त मानवीय गुणों को प्रकट कर रही थी। इस दौरान पीएम ने मौसम को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि कहीं पर अधिक वर्षा के कारण चिंता की खबर आ रही है तो कुछ स्थानों पर अभी भी वर्षा की प्रतीक्षा हो रही है। मनुष्य ही है जिसने प्रकृति से संघर्ष का रास्ता चुना है। उसी का नतीजा है कि कभी-कभी प्रकृति हम से रूठ जाती है। उन्होंने कहा कि जुलाई और अगस्त का महीना किसानों और सभी नौजवानों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं। यही वक्त होता है जब कालेजों में भीड़भाड़ होती है। मुझे पूरा यकीन है कि मेरा युवा-मित्र कालेज जीवन की शुरुआत को लेकर काफी उत्साही और खुश होंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के अत्यंत गरीब परिवार के आशाराम चौधरी ने जीवन की मुश्किल चुनौतियों को पार करते हुए सफलता हासिल की है। उन्होंने एम्स की एमबीबीएस की परीक्षा पहले ही प्रयास में पास कर ली है। मैं उन्हें बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मेरी नजर एक खबर पर गई, जिसमें लिखा था कि ‘दो युवाओं ने किया मोदी का सपना साकार’।  रायबरेली के दो आईटी प्रोफेशनलों योगेश साहू और रजनीश बाजपेयी ने मेरी चुनौती स्वीकार की और दोनों मिलकर स्मार्ट गांव ऐप का निर्माण किया।


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