महीने में तीन के बजाय दो कैबिनेट बैठकों की तैयारी

By: Jul 15th, 2018 12:15 am

शिमला — महीने में तीन केबिनेट बैठकों का बोझ कम हो सकता है। राज्य सरकार महीने में दो ही मंत्रिमंडल की बैठकों के आयोजन पर विचार कर रही है। इसके तहत केबिनेट मीटिंग का प्रारूप पूरी तरह से बदला जा रहा है। इसके लिए तैयार किए गए खाके के अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक में सभी मंत्रियों और विभागीय सचिवों की सचिवालय में उपस्थिति अनिवार्य रहेगी। एजेंडा आइटम की मीटिंग के दिन से दो दिन पहले अप्रूवल जरूरी होगी। बैठक का आयोजन भी दोपहर दो बजे के बजाय सुबह 11 बजे निर्धारित होगा। इसके लिए सभी विभागीय सचिवों और मंत्रियों को कैबिनेट की पूर्व संध्या पर ही शिमला में अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी होगी। इस नई प्रक्रिया में सरकार सबसे बड़ा फैसला रूटीन की छोटी मदों को कैबिनेट से बाहर रखने का ले सकती है। इसके तहत पहले से ही वित्त विभाग से मंजूरी के आधार पर विभाग की अनुशंसा पर भेजे गए इक्का-दुक्का वाहनों की खरीद के एजेंडा आइटम शामिल हैं। जाहिर है कि महीने मेें तीन कैबिनेट बैठकों के आयोजन सरकार के लिए भारी साबित हो रहा है। हर बैठक में 50 से ज्यादा एजेंडा आइटम शामिल होने से बैठकें छह से सात घंटे तक आयोजित हो रही हैं। दोपहर दो बजे शुरू होने वाली बैठकें रात को आठ से नौ बजे तक चल रही हैं। इसके चलते कैबिनेट फैसलों की सूचना मीडिया तक पहुंचाने में देरी हो रही है। इसके अलावा कैबिनेट बैठकों के अधिक आयोजनों से मंत्रियों और प्रशासानिक सचिवों के फील्ड दौरे भी प्रभावित हो रहे हैं। सरकार औसतन हर डेढ़ सप्ताह के बाद मंत्रिमंडल की बैठक बुला रही है। कैबिनेट में एजेंडा आइटम भेजने के लिए विभागीय सचिवों को कैबिनेट मेमो बनाने के लिए तीन से चार दिन की कसरत भी करनी पड़ती है। एजेंडा आइटम कैबिनेट में भेजने से पहले संबंधित मंत्री और मुख्य सचिव की अप्रूवल जरूरी है। महीने में तीन बैठकों का आयोजन होने से कई एजेंडा आइटम कैबिनेट की मीटिंग शुरू होने से तुरंत पहले मंत्रियों से अप्रूव करवाई जाती हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही राज्य सरकार केबिनेट की बैठकों को लेकर इस नई व्यवस्था को लागू करने के मूड में है।

घंटो तक मंथन थकान भरा

सूचना के अनुसार कई एजेंडा आइटम ऑन स्पॉट मंत्री और मुख्य सचिव अप्रूव कर रहे हैं। इस अफरा-तफरी के बाद घंटों तक कैबिनेट का मंथन थकाने वाला साबित हो रहा है।

दो दिन पहले रखेंगे एजेंडा आइटम

कैबिनेट की बैठक से दो दिन पहले एजेंडा आइटम की मंजूरी लेना आवश्यक होगी। मसलन सोमवार को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में शामिल होने वाली एजेंडा आइटम की संबंधित विभागों के मंत्रियों से शुक्रवार तक मंजूरी लेनी होगी।

11 बजे शुरू हो सकती है मीटिंग

नई व्यवस्था के बीच मंत्रिमंडल की बैठक का आयोजन अब सुबह 11 बजे हो सकता है। इससे बैठक दोपहर बाद चार-पांच बजे तक समाप्त होने की संभावना बनी रहेगी। इस व्यवस्था के आधार पर केबिनेट फैसलों की पर्याप्त सूचना मीडिया को उपलब्ध रहेगी। इस कारण राज्य सरकार के फैसलों की आम जनता तक भी सूचना मिल सकेगी।

खाली पद भरने पर ज्यादा जोर

सरकार अपने पहले साल में ही विभिन्न विभागों के खाली पदों की भर्तियों को लेकर गंभीरता दिखा रही है। सरकार हर बैठक में खाली पद भरने के लिए एजेंडा आइटम शामिल करने को प्राथमिकता देगी।


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