वनों के संरक्षण के लिए 650 करोड़

By: Jul 23rd, 2018 12:01 am

हिमाचल में चलेगा फोरेस्ट ईको सिस्टम्स मैनेजमेंट एवं आजीविका सुधार प्रोजक्ट

शिमला – जापान इंटरनेशनल को-आपरेशन एजेंसी (जेआइसीए-जाइका) की मदद से हिमाचल में फोरेस्ट ईको सिस्टम्स मैनेजमेंट एवं आजीविका सुधार प्रोजक्ट शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सोमवार को इसकी लांचिंग शिमला से करेंगे। जाइका का हिमाचल में वानिकी के क्षेत्र में पहला प्रोजेक्ट है। करीब 650 करोड़ के इस प्रोजेक्ट से राज्य में जैव विविधता संरक्षण और वनों को सघन बनाया जाएगा।  फोरेस्ट ईको सिस्टम्स मैनेजमेंट एवं आजीविका सुधार प्रोजेक्ट को छह जिलों, बिलासपुर, मंडी, कुल्लू, शिमला किन्नौर और लाहुल-स्पीति जिला में लागू किया जाएगा। प्रोजेक्ट का मकसद फोरेस्ट ईको सिस्टम प्रबंधन व बढ़ाना, जैव-विविधता संरक्षण, आजीविका सुधार सहयोग और संस्थागत क्षमता को सुदृढ़ करना है। इस प्रोजैक्ट के माध्यम से राज्य के जंगलों को और सघन बनाया जाएगा।  जल के परंपरागत स्रोतों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत पानी के चश्मों को अधिक समय तक जीवित रखने पर कार्य किया जाएगा। राज्य के वनों में गुणवत्ता वाली घास रोपी जाएगी। लोगों को जड़ी-बूटी की प्रोसेसिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को लेकर अप्रैल माह में  जेआइसीए-जाइका  और भारत सरकार के बीच एमओयू किया गया था। इसके तहत राज्य के लिए 650 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे। यह ऋण बेहद रियायती दरों पर प्रदान किया गया है। हिमाचल की बात करें तो यह हिमालयन बायोडाइवर्सिटी हॉट स्पाट में आता है। प्रदेश की विलुप्त हो रही प्रजातियां इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की रेड लिस्ट में शामिल है। यहां की समृद्ध जैव विविधता खतरे में है। बाहरी तत्त्वों की वजह से जीव-जंतुओं को नुकसान, फायरवुड एवं फाडर का अत्यधिक दोहन और आग से वन संपदा को नुकसान जैसे परिस्थतियां जैव विविधता को खतरे में डाल रहे हैं। वहीं राज्य में जैव-विविधता संरक्षण को स्थानीय लोगों एवं फील्ड के वन अधिकारियों में जागरूकता का अभाव है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से राज्य में वन संपदा को बढ़ाया जाएगा और साथ में जैवविधता का भी संरक्षण किया जाएगा। हिमाचल में अधिकतर महिलाएं वन संबंधी गतिविधियों में शामिल हैं। इसलिए महिलाओं को ईको-सिस्टम मैनेजमेंट गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और स्वयं सहायता समूहों को भी इन्सेंटिव दिए जाएंगे। बता दें कि जाइका (जेआइसीए) विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के समावेशी एवं गतिशील विकास में योगदान कर रही है।


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