शहर वाले छतों पर उगाएं सब्जियां

By: Jul 25th, 2018 12:05 am

नंगल सलांगड़ी के युसूफ खान ने खुले आसमान में बिना मिट्टी के उगा दिया खीरा

ऊना -अब ग्रामीण क्षेत्रों की तर्ज पर शहर के लोग भी अपनी सब्जियों का उत्पादन आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों की तरह जमीन की आवश्यकता नहीं है। बल्कि अपने घरों की छतों पर इन सब्जियों का उत्पादन किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए लोगों को हाइड्रोपानिक विधि सीखनी होगी। ऊना जिला के अंतर्गत नंगल सलांगड़ी के प्रगतिशील किसान युसूफ खान ने अपने घर की छत पर खुले आसमान में बिना मिट्टी के हाइड्रोपानिक विधि से 24 दिनों में खीरे की फसल तैयार कर दी है। युसूफ खान द्वारा एक जुलाई को ट्रायल बेस हाइड्रोपानिक विधि से खीरा तैयार करने को लेकर पौधे लगाए गए थे। अब इनका ट्रायल सफल रहा है। इस ट्रायल के सफल रहने के बाद अब शहरों के लोग भी आसानी से अपने घरों के उपर खीरा सहित अन्य सब्जियां भी उगा सकते हैं। जिस तकनीक का इस्तेमाल युसूफ खान द्वारा खीरा उगाने के लिए किया गया है। उस तकनीक से अन्य सब्जियों का भी उत्पादन किया जा सकता है। युसूफ खान द्वारा पहले दौर में 200 पौधे लगाए गए थे। इनमें पानी की सप्लाई को रिसाइकिल करने के लिए समर्सिबल पंप का प्रयोग किया गया है। इन्हें प्लास्टिक की चार से छह इंच तक की पाइपों के लगाया जा सकता है। पौधों को पाइप के टिकाने के लिए स्पंज का इस्तेमाल किया गया है। हालांकि हाइड्रोपानिक विधि से 30 से 35 दिनों के भीतर फल लगने का दावा था। लेकिन इससे भी कम अवधि के भीतर इन पौधों में खीरा पूरी तरह से तैयार हो गया है। इस विधि में अहम बात यह है कि हाइड्रोपानिक विधि से 90 फीसदी पानी की बचत होती है। जितना पानी मिट्टी में खीरा उगाने में लगता है। लेकिन इस विधि से करीब 10 प्रतिशत पानी की खर्च होता है।  उधर, प्रगतिशील किसान युसूफ खान का कहना है कि कोई किसान भी आसानी से इस विधि से खीरा के अलावा अन्य सब्जियों का भी उत्पादन कर सकता है। उन्होंने कहा कि उनका ट्रायल सफल रहा है। अब इस तकनीक के बारे में अन्य किसानों को भी जागरूक किया जाएगा। ताकि प्रदेश भर के किसान भी इस तकनीक का प्रयोग करें।

 


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