स्कूल बंद किए जाएं या नहीं

By: Jul 5th, 2018 12:00 am

विभाग ने कम छात्रों वाले स्कूल मर्ज करने को मांगी जनता की राय

शिमला— प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने छात्रों की कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने से पहले जनता से राय मांगी है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत जिला के प्रारंभिक उपनिदेशकों को जनता से सात दिनों के अंदर राय लेने को कहा है, ताकि संबंधित अधिकारियों के ध्यान में मामला लाया जा सके।  विभाग ने छात्रों की कम संख्या वाले जिलावार स्कूलों की सूची भी जारी की है। राजकीय प्राथमिक स्कूलों में जहां छात्रों की संख्या एक से पांच तक है, उनमें जिला बिलासपुर के चार, चंबा के तीन, हमीरपुर के पांच, कांगड़ा के 27, कुल्लू के शून्य, मंडी के 11, सिरमौर के दो, शिमला के पांच, सोलन के पांच और ऊना के शून्य स्कूल शामिल हैं। वहीं छह से 10 छात्रों वाले स्कूलों में जिला बिलासपुर में 15, चंबा में 17, हमीरपुर में 20, कांगड़ा में 18, कुल्लू में एक, मंडी में 50, सिरमौर में दो, शिमला में 33, सोलन में 13 और ऊना में चार स्कूल हैं। इसके अतिरिक्त राजकीय माध्यमिक स्कूलों में एक से पांच छात्रों की संख्या वाले प्रदेश के 23 स्कूल और छह से दस छात्रों की संख्या वाले 41 स्कूल हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल ने कहा कि जिन स्कूलों में छात्रों की कम संख्या है, ऐसे स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी है, लेकिन इससे पहले स्कूलों के आसपास की जनता से भी इस बारे में राय ली जा रही है। इसके अंतर्गत आम जनता उपनिदेशकों के माध्यम से इस बारे में अपनी बात रख सकती है।


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