स्क्रब टायफस…आईजीएमसी अलर्ट
शिमला —बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा फैलने वाले वायरल स्क्रब टाइफस को लेकर आईजीएमसी प्रशासन अलर्ट पर है। बरसात में होने वाली इस बीमारी की वजह से लोगों की जान न जाए वहीं, उन्हे इलाज से भी अछूता न रहना पड़े, इस मकसद से पूरी तैयारी कर ली गई है। जानकारी के अनुसार आईजीएमसी प्रशासन ने इस बीमारी से निपटने के लिए डाक्सीसाइकिन और एंजीथ्रोमाइसिन दवाइयों का एक्स्ट्रा स्टॉक मंगवा लिया है। आईजीएमसी में रोजाना स्क्रब टायफस के मामलों की जांच की जा रही है। मानसून के सक्रिय होते ही आईजीएमसी के एमएस ने भी स्क्रब टायफस के पाजिटिव और नेगेटिव दोनों मामलों की रिपोर्ट एमएस आफिस भेजने के निर्देश दिए हैं।
पिछले वर्ष हुई थीं कई मौतें
वर्ष 2017 में स्क्रब टायफस से करीब 20 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 500 से अधिक मामले पाजिटिव आए थे।
क्या है स्क्रब टायफस
यह रोग एक जीवाणु रिकेटशिया से संक्रमित पिस्सू माइ के काटने से फैलता है जो खेतों, झाडि़यों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। बता दें कि स्क्रब टायफस की बीमारी का पता तब चलता है जब मरीज का बुखार 103 और 104 डिग्री तक पहुंच जाता है।
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