हिमाचल में घटे एक लाख बंदर

By: Jul 2nd, 2018 12:15 am

विभागीय सर्वेक्षण में खुलासा; नसंबदी से कम हुई संख्या; वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट फिर जुटाएगा आंकड़े

हमीरपुर— हिमाचल प्रदेश में नसबंदी के बाद बंदरों की संख्या कम हो गई है। इनकी संख्या में एक लाख से अधिक की कमी दर्ज की गई है। इस बात का खुलासा 2004 से 2015 के बीच के आंकड़ों में हुआ है। ताजा सर्वे में इनकी संख्या और अधिक कम होने की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि माना जा रहा है कि बंदर कई रिहायशी क्षेत्रों को छोड़ गए हैं। हालांकि वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट अब ताजा सर्वे करवा सकता है। अभी बंदर मृत्यु अनुपात का सही पता नहीं चल पाया है। मृत्यु दर का आकलन करने के बाद तय होगा कि बंदरों की संख्या में कितनी कमी हुई है। सूत्रों के अनुसार एक बंदर की आयु 15 से 20 साल होती है। ऐसे में नसंबदी के बाद भी बंदर कई साल जीवित रहता है। इसी कारण 2015 के बाद सर्वे नहीं हो पाया। आगामी कुछ समय में इनकी गणना की तैयारी हो सकती है। 2004 के बाद 2013 में गणना हुई थी। बंदरों के बढ़ रहे उत्पात के कारण दो साल बाद फिर से सर्वे हुआ। इसमें पता चला कि नसबंदी से बंदरों की संख्या कम हो रही है। 2004 में बंदरों ने खूब आतंक मचाया था। इसी वर्ष इनका सर्वे किया गया। नसंबदी को लेकर किए गए सर्वे में पता चला कि राज्य में तीन लाख 17 हजार 512 बंदर हैं। इनकी संख्या लाखों में होने के बाद प्रदेश सरकार व वाइल्ड लाइफ विभाग की चिंताएं बढ़ गईं। इसके उपरांत बंदर नसबंदी का कार्य शुरू हुआ। वर्ष 2013 तक हजारों बंदरों की नसबंदी की गई। इस वर्ष हुई गणना में खुलासा हुआ कि राज्य में 91 हजार बंदर कम हो गए हैं। 2004 से 2015 तक बंदरों की संख्या एक लाख नौ हजार 898 कम हो गई। कुछ इलाकों में बंदर हिंसक हो गए हैं। इसी के चलते इन्हें मारने के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन प्राकृतिक डेथ ही बंदरों की संख्या कम कर सकती है। इसके लिए जरूरी है कि इनकी प्रजनन रफ्तार को कम किया जाए। प्रजनन की रफ्तार कम होगी, तभी बंदरों की संख्या घटेगी।

एक लाख 40 हजार 643 की नसबंदी

अब तक हिमाचल प्रदेश में एक लाख 40 हजार 643 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है। सात नसबंदी केंद्रों में बंदरों के आपरेशन किए जा रहे हैं। कुछ केंद्र हाल ही में खोले गए हैं। सभी में बंदर नसबंदी की जा रही है। ऐसे में अब संख्या और अधिक कम होने की संभावना है।


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