मानसून सत्र आज से, हंगामा तय

By: Jul 18th, 2018 12:05 am

संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के मूड में विपक्ष

नई दिल्ली— संसद का मानसून सत्र न केवल हंगामेदार होगा, बल्कि विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर भी विचार किया है। बजट सत्र में भी तेलुगूदेशम पार्टी ने अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस दिए थे। इसके अलावा, आधा दर्जन से ज्यादा बिल ऐसे हैं, जिन पर सरकार और विपक्ष के बीच सहमति के आसार बिलकुल भी नहीं हैं, लिहाजा हंगामा और विरोध लगभग तय है। सरकार की पहली प्राथमिकता ‘तीन तलाक बिल’ को पारित कराना है। संसद का मानसून सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है और दस अगस्त तक चलेगा। मंगलवार को स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और संसद को अच्छी तरह चलाने और आपसी सहयोग का आग्रह किया। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बैठक में शामिल हुए और उन्होंने सभी विपक्षी दलों से संसद का मानसून सत्र सुचारू रूप से चलाने में सहयोग की अपील की। संसद सत्र को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच आपसी संवाद तो हुआ है, लेकिन संसद सत्र को  निरंतर चलाने की जिम्मेदारी सरकार पर छोड़ दी गई है। इसके उलट सोमवार को जब विपक्ष के 14 दलों के नेताओं की बैठक हुई थी, उसमें मोदी सरकार के खिलाफ  एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव लाने की चर्चा हुई। प्रस्ताव का नोटिस टीडीपी ही देगी। अन्य कोई दल भी ऐसा नोटिस देगा, सूत्रों ने अभी पुष्टि नहीं की है। कांग्रेस ने अपना पक्ष दोहराया है कि ‘तीन तलाक बिल’ राज्यसभा की प्रवर समिति (स्लेक्ट कमेटी) को समीक्षार्थ भेजा जाए। इन बिलों पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने विपक्ष से बात की होगी, लेकिन सूत्रों का दावा है कि विपक्ष चाहता है कि पहले सरकार संसद में उसके मुद्दों पर बहस कराए। यदि ऐसा नहीं होता है,तो संसद में गतिरोध और हंगामा स्वाभाविक होगा। उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

पहले इन पर हो चर्चा, फिर देंगे साथ

विपक्ष के जिन 14 दलों के नेताओं ने बैठक की थी,उसमें तय हुआ था कि सबसे पहले सांप्रदायिक हिंसा, भीड़ की हिंसा, महिला अपराध, जम्मू-कश्मीर में बदलाव, बैंक फ्रॉड, कृषि और किसानों के संकट, दलितों-पिछड़ों पर जानलेवा हमले, यूनिवर्सिटी और उच्च शिक्षण संस्थानों में दलितों और आदिवासियों को विशेष आरक्षण आदि मुद्दों पर सरकार सदन में चर्चा कराए। बदले में विपक्ष सहयोग करेगा कि सभी बिल पारित हों और संसद की कार्यवाही भी सुचारू रूप से चल सके, लेकिन सरकार ने अपनी प्राथमिकता स्पष्ट कर दी है। दिलचस्प है कि महिला आरक्षण बिल को विपक्ष की सूची में भी शामिल नहीं किया गया है।

महिला आरक्षण के साथ पास कराएं तीन तलाक बिल

महिला आरक्षण की मांग उठाने वाले राहुल गांधी के सामने मोदी सरकार ने एक नई डील की पेशकश की है। इस डील में मोदी सरकार ने राहुल से महिला आरक्षण बिल के साथ ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों पर संसद में समर्थन का आह्वान किया है। इससे पहले राहुल ने पीएम को पत्र लिखकर मानसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पास करने की मांग की थी। मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी के पत्र का जवाब दिया। उन्होंने राहुल को लिखे पत्र में एक ‘नई डील’ का ऑफर दे दिया। रविशंकर ने लिखा कि मैं चाहता हूं कि बीजेपी और कांग्रेस महिलाओं की समानता और उनकी पर्याप्त भागीदारी के लिए साथ आएं। इस नई डील के तहत हमें महिला आरक्षण बिल के साथ तीन तलाक और निकाह हलाला जैसे मसलों पर भी कानून का समर्थन करना चाहिए।


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