अपने ही दफ्तर में घिरे परिवहन मंत्री

By: Aug 22nd, 2018 12:01 am

शिमला— राज्य सचिवालय में मंगलवार को परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की घेराबंदी हो गई। करीब 21 दिन से रोजगार की मांग को लेकर अनशन कर रहे बेरोजगार प्रशिक्षित परिचालकों ने परिवहन मंत्री का उनके ही दफ्तर के दरवाजे पर घेराव किया। दिलचस्प बात ये है कि घेराबंदी करने वालों में कोई और नहीं, बल्कि महिला परिचालक थीं, जिन्होंने परिवहन मंत्री को खूब खरी-खोटी भी सुनाई। बता दें कि जब परिवहन मंत्री दफ्तर से उठकर निकलने लगे तो दरवाजे पर ही महिलाओं ने उनको घेर लिया। उन्होंने एक ज्ञापन परिवहन मंत्री को सौंपा।  हालांकि मंत्री ने उनकी बात तो सुनी लेकिन किसी तरह का कोई आश्वासन दिए बिना ही निकल दिए। महिला कर्मियों का कहना था कि पूर्व सरकार ने कौशल विकास भत्ते के तहत उनको प्रशिक्षण देने के लिए अढ़ाई महीने तक नौकरी पर रखा था, लेकिन उनके करीब अढ़ाई साल तक काम लिया गया। अब उनके रोजगार के लिए वर्तमान सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। गौर हो कि बेरोजगार प्रशिक्षित परिचालकों की संख्या 1600 से अधिक है, जो कि कौशल विकास भत्ते के तहत परिवहन निगम में लगे थे। इनमें महिला कंडक्टर भी शामिल हैं। महिला रंजना व सोनू वर्मा ने बताया कि उनके साथ धोखा किया गया है। उनके साथी 21 दिन से अनशन पर हैं, मगर उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है। इनका कहना है कि उन्हें अढ़ाई महीने के प्रशिक्षण के बाद घर लौटा देना चाहिए था, लेकिन तब परिवहन निगम को उनकी जरूरत थी। महिलाएं भी रात-दिन सेवाएं देती रहीं, परंतु अब इन लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है।

पालमपुर में गुरिल्ला संगठन की बैठक आज

पालमपुर – गुरिल्ला संगठन की बैठक 22 अगस्त को पालमपुर में होगी। इसमें संघ से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी। हिमाचल प्रदेश एसएसबी गुरिल्ला संगठन ने अपने हक की लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में यूनिक पिटीशन दायर कर दी है। इस विषय में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार व राज्य सरकारों को भी नोटिस जारी किया था। इसका जवाब गृह मंत्रालय द्वारा 26 जुलाई को कोर्ट में दाखिल किया जा चुका है। इस मुद्दे को लेकर गुरिल्ला संगठन की बैठक 22 अगस्त को पालमपुर में रखी गई है। गुरिल्ला संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप ठाकुर ने बताया कि कोर्ट के न्यायाधीश ने 30 जुलाई को अपने आदेश में कहा है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से फैसला नहीं होता, तब तक पूरे देश में अलग-अलग हाई कोर्ट में जो केस चल रहे हैं, उनके स्टे आर्डर जारी कर दिए गए हैं। 22 अगस्त को होने वाली बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा कि जिन भाई-बहनों ने कोर्ट फीस अदा नहीं की है उनका नाम सूची से काट दिया जाए या नहीं।


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