अब देने होंगे ‘जीआई लोगो’ लगे उपहार

By: Aug 4th, 2018 12:05 am

कुल्लू – अब हिमाचल में भी भारत सरकार के कार्यक्रम में बिना जीआई लोगो वाले उपहार नहीं चलेंगे। कार्यक्रम में वही उपहार दिया जाएगा, जिन पारंपरिक उत्पादों में जीआई लोगो लगा होगा। यहां उत्पादों को जिंदा रखने और प्रोमोट करने के लिए भारत सरकार ने यह संज्ञान लिया है। वहीं, प्रदेश सरकार से भी प्रधानमंत्री ने अपील की है कि पारंपरिक उत्पादों पर बेहतरीन काम हो। सरकार ने प्रधानमंत्री के आह्वान का स्वागत किया है। यह खुलासा  प्रदेश सरकार के वन, परिवहन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर कुल्लू में हिमाचल प्रदेश पेटेंट सूचना केंद्र (एचपीपीआईसी) हिमाचल प्रदेश काउंसिल फार साइंस, टेक्नोलॉजी एंड एनवायरनमेंट (हिमकोस्ट) के तहत एचपी के पारंपरिक मूल्यवान उत्पादों के लिए भौगोलिक संकेत कार्यक्रम में किया। अब भारत सरकार के कार्यक्रम हिमाचल में होंगे तो उन कार्यक्रम में सम्मानित करने के लिए दिए जाने वाले पारंपरिक शाल, रूमाल और टोपी जीआई लोगो वाली ही देनी होगी। वहीं,   गिफ्ट भी लोगो वाले ही देने होंगे। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव की बात यह है कि भौगोलिक संकेतों (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम 1999 के तहत हिमाचल प्रदेश की कुल्लू शाल, कंगड़ा चाय, किन्नौरी शाल, चंबा रुमाल और कंगड़ा पेंटिंग्स के लिए पंजीकरण प्राप्त करने में सक्षम रहा है। प्रदेश की पांच चीजें जीआई में शामिल हो गई हैं। वहीं, चंबा चप्पल के आवेदन काला जीरा, चुली आयल चेन्नई में भौगोलिक संकेतों के रजिस्ट्रार के साथ प्रक्रिया में हैं। इसके अलावा केंद्र ने जीआई के लगभग 200 अधिकत उपयोगकर्ता  के पंजीकरण की सुविधा प्रदान की है। हाल ही में राज्य सरकार ने एचपी में सामानों के पंजीकरण और संरक्षण  और राज्य सरकार पर राज्य स्तरीय समिति पर एक अधिसूचना जारी की है। इस तर्ज पर देश के प्रधानमंत्री ने भी पारंपरिक उत्पादों को प्रोमोट करने के लिए बड़ा कदम उठाया है और जीआई लोगों लाजिमी कर दिया है। वहीं, परिवहन, वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि कार्यक्रमों के नाते हिमाचल के प्रोडक्ट जीवंत रहेंगे। उन्होंने कहा कि कुल्लू की शाल और चंबा का रूमाल सहित पांच चीजें जीआई में शामिल हैं। यह हिमाचल की पहचान है। कुल्लू शाल और टोपी के साथ-साथ अन्य चीजों को प्रोमोट करने के लिए प्रदेश सरकार काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने यहां के प्रोडक्ट  को प्रोमोट करने के लिए 60 लाख का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए छह करोड़ रुपए और राशि केंद्र से लाई जाएगी। इसके  अलावा वन मंत्री ने हिमाचल के लोगों से अपील की है कि यहां घूमने आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों को वही शाल, टोपी, मफलर और रूमाल दें, जो अच्छी क्वालिटी के हों और उसमें जीआई लोगो लगा होगा।  इससे यहां के प्रोडक्ट की मांग भी बढ़ेगी और यहां पारंपरिक उत्पाद जिंदा भी रहेंगे।


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