अलविदा अटल…आपका भाषण आज भी याद है
बिलासपुर —देश के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भाजपा के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी का अंदाज व ठहाके भाखड़ा विस्थापित शहर के लोग आज तक नहीं भूले हैं। भाजपा की स्थापना के बाद वाजपेयी जी ने भाखड़ा विस्थापित बहुल शहर मंे तीन जनसभाएं दो मेन मार्केट व एक चंपा पार्क में कीं। एक जनसभा की यादों को तरोताजा करते हुए सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं प्रबुद्ध कुलदीप चंदेल कहते हैं कि सभा में भाजपा का मंच एक दुकान की छत पर बनाया गया था और मंच पर माइक पकड़ते ही वाजपेयी ने एकाएक कह दिया था कि इस उम्र में मुझे कोठे पर चढ़ा दिया…। खास बातचीत में कुलदीप चंदेल ने उस समय की भूली बिसरी यादों को ताजा किया और बताया कि जब वाजपेयी जी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो उस समय वह बिलासपुर शहर और जिला के महासचिव पद पर नियुक्त हुए थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 1982 में हिमाचल विधानसभा के चुनाव के समय की बात है। वह यानी चंदेल उस समय भाजपा के जिला चुनाव अधिकारी थे। दिल्ली के मूल चंद चावला उस समय पार्टी की तरफ से चुनाव प्रचार के प्रबंधों की बागडोर संभाले हुए थे। वाजपेयी जी की जनसभा का एक कार्यक्रम बिलासपुर के लिए मिला था। शहर की मेन मार्केट में उनकी जनसभा का आयोजन किया गया। तब देश में घटने वाली हर घटना और दुर्घटना के पीछे कांग्रेस के ऊपर से नीचे तक के नेता आरएसएस तथा भाजपा का हाथ बता देते थे, लेकिन बिलासपुर मंे हुई उस जनसभा मंे वाजपेयी जी ने अपने भाषण में कांग्रेसियों के बयानों पर चुटकी ली थी कि मुझे तो भाइयों और बहनों इसमें एक ही हाथ दिखाई देता है। वाजपेयी जी के इस बोल पर जनसभा में खूब ठहाके गूंज उठे थे। कुलदीप चंदेल के अनुसार कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ पर उनका कटाक्ष था। वह फिर बोले कि यह हाथ हर जगह दिखाई देता है, जैसे लाइफबॉय। जिधर देखो उधर लाइफबॉय। दरअसल, लाइफबॉय साबुन उन दिनों बाजार में बहुत ज्यादा बिकता था। दीवारों पर साबुन का विज्ञापन पढ़ने को मिल जाता था। वाजपेयी जी ने कहा कि कांग्रेसी कहने लगे कि वाजपेयी को लाइफबॉय साबुन की ऐड करने के पैसे मिले हैं। वाजपेयी जी के भाषण पर लोगों ने खूब हंसते हुए ठहाके लगाए थे। चंदेल ने बताया कि उसके बाद एक बार फिर अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव के दौरान बिलासपुर में आए थे। तब भाजपा ने उनका मंच एक दुकान की छत पर बनाया था। वाजपेयी जी ने माइक संभालते ही कहा कि इस उम्र में मुझे कोठे पर चढ़ा दिया। जनसभा में उनकी इस बात पर देर तक ठहाके लगते रहे। कुलदीप चंदेल ने आगे बताया कि एक बार वाजपेयी चुनाव हार गए। उसके बाद सारे देश में घूमकर पार्टी का प्रचार कर रहे थे।
हार के बाद वाजपेयी कैसा हो गया…
बिलासपुर के चंपा पार्क में उनका मंच लगाया गया था। वाजपेयी जी ने भाषण शुरू किया और कहा कि अब मैं बहुत बन गया हूं। मेरे साथ भूतपूर्व लग गया है, लेकिन जब से चुनाव हारा हूं तबसे मेरी जनसभाओं में भीड़ अधिक हो रही है। लोग भाषण हमारा सुनते हैं, वोट कांग्रेस को देते हैं। अब मुझे देखने आने लगे हैं कि हार के बाद वाजपेयी कैसा हो गया है। दुबला हो गया, मोटा हो गया। पर मैं तो भूत हो गया हूं… भूत। वाजपेयी जी का अंदाज और लोगों के ठहाके आज तक नहीं भूलते हैं। ऐसे थे अटल बिहारी वाजपेयी।
देह धरन को दंड है सब काहू को होए, ज्ञानी भुगते ज्ञान से मूर्ख भुगते रोए….
कुलदीप चंदेल ने बताया कि एक बार पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार अटल बिहारी जी का हाल चाल पूछने उनके निवास स्थान पर गए। तब उन्होंने कहा शांता जी मेरे पिता जी कहा करते थे कि देह धरन को दंड है, सब काहू को होए। ज्ञानी भुगते ज्ञान से मूर्ख भुगते रोए।
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