इराक से फतवा, वक्फ की जमीन पर मंदिर नहीं

By: Aug 28th, 2018 12:02 am

कानपुर— शिया समुदाय के सर्वोच्च धार्मिक गुरु आयातुल्लाह अल सिस्तानी ने इराक से ई-मेल पर भेजे गए फतवे में कहा है कि मुस्लिम वक्फ संपत्ति को मंदिर या किसी अन्य धार्मिक स्थल के निर्माण के लिए नहीं दिया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में रहने वाले मजहर अब्बास नकवी ने बीते दिनों ई-मेल पर इस संदर्भ में सवाल पूछा था। नकवी ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका वापस लें और बोर्ड से इस्तीफा दें। नवंबर-2017 में यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में एक प्रस्ताव दिया था कि अयोध्या में वक्फ संपत्ति के लिए रूप में दर्ज विवादित जमीन मंदिर के लिए दे दी जाए। इसके एवज में लखनऊ में ‘मस्जिद-ए-अमन’ बनवाई जाए। मार्च,2016 में शिया वक्फ बोर्ड ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। उधर, इस फतवे पर शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा है कि यह फतवा गुमराह करके जारी कराया गया है। अगर केवल यह पूछा जाता है कि मस्जिद की जगह किसी को दी जा सकती है तो बेशक उनका जवाब वही होगा जो उन्होंने दिया। लेकिन अगर वह पूरी बात बताएं कि वहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई और मौजूदा समय में वह विवादित परिसर है, तो उनका जवाब कुछ और होगा।


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