ऊना… घाटे में चल रहे टूरिज्म के होटल-कैफे 

By: Aug 21st, 2018 12:10 am

ऊना —ऊना में पर्यटन विभाग की ओर से संचालित किए जा रहे होटल, कैफे घाटे में चल रहे हैं। करीब एक साल पहले ऊना मुख्यालय पर शुरू हुए सोमभद्रा कैफे में ही साढ़े छह लाख का घाटा हुआ है। वहीं, ऊना जिला के अंतर्गत प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी के समीप भरवाईं में चल रहा यात्री निवास होटल भी पिछले साल घाटे में रहा है। इसके चलते पर्यटन विभाग की ओर से घाटे में चल रहे अन्य होटलों की तरह इन्हें लीज पर निजी हाथों में सौंपा जा सकता है। हालांकि भरवाईं यात्री निवास होटल वर्ष 2015-2016 से प्रोफिट में रहा, लेकिन अगले साल यह अचानक ही घाटे में आ गया। हालांकि इस साल इस होटल को नाममात्र घाटा हुआ है। घाटा होने के चलते घाटे वाले होटलों की सूची में इस होटल का नाम भी दर्ज हो गया। वहीं, उच्च स्तर पर भी इस तरह के घाटे वाले होटलों को पर्यटन विभाग की ओर से निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है, ताकि निजी हाथों (लीज) में जाने के बाद इन होटलों से सरकार, विभाग को और अधिक राजस्व मिल सके। लेकिन घाटे में चल रहे इन होटलों को पर्यटन विभाग की ओर से दो माह तक अपनी वर्किंग सुधारने का समय दिया जाएगा। इसके बाद भी इनकी वर्किंग में सुधार नहीं होता है तो घाटे वाले होटल को लीज पर सौंप दिया जाएगा।  बात यदि प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी के भरवाईं यात्री निवासी की करें तो यहां पर प्रदेश के अलावा अन्य बाहरी राज्यों के लोग पहुंचते हैं।  लोगों की यहां ज्यादा आवाजाही रहने के चलते पर्यटन विभाग की ओर से यहां पर होटल खोला गया। वहीं, यह होटल फायदे में भी चला, लेकिन कुछ साल से अचानक ही भरवाई टूरिज्म होटल में घाटा होने लगा। वहीं, यहां पर तो साल भर ही लोगों की आवाजाही रहती है। उसके बावजूद भी इस साल होटल में घाटा दर्ज किया। इसके अलावा ऊना मुख्यालय पर स्थित सोमभद्रा कैफे भी घाटे में चल रहा है। अभी इस कैफे को खुले करीब एक साल ही हुआ है। लेकिन पहले ही साल करीब साढ़े छह लाख का घाटा दर्ज किया गया है।


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