एससी/एसटी अत्याचार निवारण कानून को पुराने स्वरूप में लाने का विधेयक लोकसभा में पेश

By: Aug 4th, 2018 12:02 am

नई दिल्ली — अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण कानून को पुराने स्वरूप में लाने से संबंधित विधेयक सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में पेश कर दिया। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने सदन में अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण (संशोधन) विधेयक 2018 पेश किया। इस विधेयक के माध्यम से 1989 के कानून में एक नई धारा जोड़ने का प्रावधान किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कानून के तहत किसी भी आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए प्रारंभिक जांच की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा जांच अधिकारी को अपने विवेक से आरोपी को गिरफ्तार करने का अधिकार होगा और उसे इसके लिए किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।  विधेयक में यह भी व्यवस्था की गई है कि किसी भी न्यायालय के फैसले या आदेश के बावजूद दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के प्रावधान इस कानून के तहत दर्ज मामले में लागू नहीं होंगे।


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