किसानों ने दीं गिरफ्तारियां

By: Aug 10th, 2018 12:07 am

केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ स्कैंडल प्वाइंट पर प्रदर्शन

शिमला – हिमाचल किसान सभा ने किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ शिमला में धारा-144 का उल्लंघन कर रोष व्यक्त किया। किसानों ने शिमला में स्कैंडल प्वाइंट पर गिरफ्तारियां देकर उनके साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज बुलंद की। शिमला में किसान अचानक कालीबाड़ी, मालरोड और रिज मैदान से अलग-अलग टुकडि़यों में नारेबाजी करते हुए स्कैंडल प्वाइंट पर इकट्ठे हुए और देर तक नारेबाजी करते रहे। प्रदर्शन में कुसुम्पटी, ठियोग, मतियाना के किसानों ने भाग लिया। इस दौरान किसानों ने केंद्र की मोदी सरकार को किसान विरोधी, नवउदारवादी नीतियों को लागू करने के लिए खूब कोसा। शिमला में किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तनवर ने कहा कि पिछले आम चुनावों से पहले अपने चुनावी दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश ही नहीं देश भर के किसानों से स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशों  को लागू करने और किसानों को कृषि ऋण माफी का वादा करके वोट लिए थे, लेकिन चार साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी वादा पूरा नहीं किया, बल्कि उल्टा स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू न कर पाने की केंद्र सरकार की असमर्थता का हलफनामा सर्वोच्च न्यायालय में दायर किया।

पूंजीपतियों का कर्ज किया माफ

सरकार बड़े पूंजीपतियों के लाखों करोड़ रुपए के ऋण माफ कर देती है और किसान चंद हजार रुपयों के कर्ज के लिए भी आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। जिला सचिव संजय चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार का अब तक का कार्यकाल किसानों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा। लाखों की संख्या में फलदार पौधे काटे गए, जिसमें अधिकतर छोटे किसान थे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2002 में किसानों को 20 बीघा तक भूमि नियमित करने का वादा किया था और आज जब सत्ता में है तो छोटे किसानों तक को भी बर्बाद होने से नहीं बचा पा रहे।

किसानों से लिए जा रहे साइन

इसी तरह के प्रदर्शन प्रदेश के 25-26 स्थानों पर आयोजित किए गए और हजारों किसानों ने गिरफ्तारियां दीं और सरकार को किसान विरोधी नीतियों को लागू न करने के लिए चेताया। उन्होंने बताया कि इसके बाद पूरे देश से 10 करोड़ किसानों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन प्रधानमंत्री को दिया जाएगा, जिसके लिए गांव-गांव में अभियान शुरू कर दिया गया है और किसानों से हस्ताक्षर एकत्र किए जा रहे हैं। किसानों के इस आंदोलन को मजदूर संगठन सीटू और छात्र, नौजवान, महिला संगठनों का भी भरपूर समर्थन मिला और किसानों के समर्थन में उन्होंने भी गिरफ्तारियां दीं।

किसानों की मांगें

* स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक किसान को उसकी उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत समर्थन मूल्य दिया जाए

* किसानों का कृषि ऋण माफ किया जाए

 60 साल से ऊपर आयुवर्ग के किसानों को सरकार 5000 रुपए पेंशन दे

* जमीन से किसानों की बेदखली रोकी जाए और गरीब और भूमिहीन किसानों की पांच बीघा भूमि को नियमित किया जाए

* जंगली जानवरों और आवारा-नकारा पशुओं से निजात दिलाई जाए

* दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपए प्रति लीटर किया जाए

* मनरेगा को सुचारू ढंग से चलाया जाए


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App