छात्र संख्या पर ही नए कालेज भवन

By: Aug 17th, 2018 12:01 am

शिक्षा विभाग ने बजट बचाने के लिए बनाया प्रोपोजल, उपनिदेशक भेजेंगे डिटेल

शिमला— हिमाचल प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा, जब कालेज भवनों का निर्माण छात्रों की संख्या के आधार पर होने जा रहा है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने शिक्षा बजट को बचाने के लिए यह मास्टर प्लान तैयार किया है। विभागीय जानकारी के अनुसार उपनिदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि उनके जिला में खुलने वाले कालेजों के निर्माण से पहले नजदीकी स्कूलों में प्लस-टू के कितने छात्र हैं या फिर सालाना एक स्कूल से कितने छात्र निकलते हैं, यह सभी जानकारी निदेशालय भेजी जाए। उच्च शिक्षा निदेशालय से ये आदेश निदेशक अमरजीत सिंह की ओर से दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि निदेशालय में दस ऐसे कालेजों की रिपोर्ट आ चुकी है, जहां पर नए कालेज खुलने हैं। वहीं निदेशालय ने इन कालेजों के निर्माण कार्य को छात्रों की संख्या के आधार पर बनाने के आदेश भी दे दिए हैं। अहम है कि उच्च शिक्षा निदेशालय का यह प्लान शिक्षा के बजट को बचाने के लिए किया है। शिक्षा निदेशालय में आई कालेजों की रिपोर्ट के अनुसार कई कालेज ऐसे हैं, जहां पर कालेज का भवन इतना बड़ा बना दिया है कि वहां पर कई हजारों छात्र पढ़ सकते हैं, लेकिन उस क्षेत्र में छात्रों की संख्या न होने की वजह से इक्का-दुक्का छात्र ही पढ़ रहे हैं। शिक्षा विभाग के पास आई रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच वर्षों में खोले गए ज्यादातर कालेज ऐसे हैं, जहां पर सौ से ज्यादा छात्रों का आंकड़ा ही नहीं है। जानकारी के अनुसार सोलन, शिमला, चंबा, मंडी और बिलासपुर के ज्यादातर ऐसे कालेज हैं, जहां पर भवन तो बड़े-बड़े बना दिए, लेकिन छात्रों की संख्या काफी कम है। शिक्षा विभाग का प्लान है कि जो बजट भवन निर्माण के लिए बेवजह खर्च किया जा रहा है, उसे बेहतर शिक्षा पर इन्वेस्ट किया जाए।

करोड़ों खर्च, बिल्डिंग का इस्तेमाल नहीं

शिक्षा अधिकारी हैरान हैं कि राज्य के शिक्षण संस्थान के निर्माण कार्य को करने के लिए लाखों, करोड़ों खर्च कर दिए, लेकिन सही रूप से उस भवन का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। निदेशालय ने जिलों को निर्देश दिए हैं कि एक हफ्ते के भीतर विभाग को रिपोर्ट सौंपी जाए।


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